अजब दुश्मनी की गजब कहानी भी है शाहजहांपुर का वकील हत्याकांड, एक दूसरे से लड़ने के लिए पहना काला कोट !
अजब दुश्मनी की गजब कहानी भी है शाहजहांपुर का वकील हत्याकांड, एक दूसरे से लड़ने के लिए पहना काला कोट !
शाहजहांपुर
एक फिल्म आई थी…अजब प्रेम की गजब कहानी…लेकिन शाहजहांपुर में अजब दुश्मनी की गजब कहानी सामने आई है!

शाहजहांपुर में सोमवार को कचहरी परिसर में ही एक वकील ने दूसरे वकील की गोली मारकर हत्या कर दी।
यह कहानी तारीख पर तारीख और कानूनी दांवपेंच में उलझी कहानी है। शाहजहांपुर के महमंदगढ़ी मोहल्ले में जनता इंटर कालेज के पास एक मकान था। इसके मालिक सुरेश गुप्ता थे। उसमें भूपेंद्र गुप्ता किराएदार थे। किराएदार की मकान पर नियत खराब हो गई। मकान मालिक ने खाली करने को कहा तो विवाद शुरू हुआ। सन 2000 में पुलिस की मदद से मकान खाली तो हुआ लेकिन दुश्मनी बढ़ गई।
2008 आते आते मुकदमेबाजी शुरू हो गई। इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे पर मुकदमे दर मुकदमे लिखाते रहे। फिर शुरू हुआ अदालत में तारीख और पेशी का सिलसिला। दोनों ही पक्ष वकीलों को फीस दे देकर परेशान हो गए। इसी दौरान मकान मालिक सुरेश गुप्ता ने बैंक से रिटायर होने के बाद शाहजहांपुर के ही एक कालेज से कानून की पढ़ाई की। उनकी देखादेखी किराएदार भूपेंद्र प्रताप सिंह ने भी वकालत की पढ़ाई की।
सुरेश गुप्ता ने 2019 में और भूपेंद्र प्रताप ने 2020 में पंजीकरण कराकर खुद के मुकदमों की पैरवी करनी शुरू कर दी। मुकदमों की पैरवी में भूपेंद्र प्रताप सिंह भारी पड़ रहे थे। कोई भी मुकदमा बंद होता था या मुकदमा सुरेश गुप्ता जीत जाते थे तो उसकी काटकर भूपेंद्र प्रताप सिंह मुकदमे को रिओपन करा देते थे। इसी बात से सुरेश गुप्ता परेशान थे और उन्होंने सोमवार को कोर्ट परिसर में भूपेंद्र की गोली मार कर हत्या कर दी।
नहीं मारता तो खुद सुसाइड करना होता
हत्या करने वाले सुरेश गुप्ता ने कहा कि भूपेंद्र ने मेरे ऊपर चोरी-डकैती, मर्डर समेत 24 मुकदमे कर रखे थे। कोई भी मुकदमा बंद होता था तो रिविजन डाल देते थे। हर साल एक दो मुकदमे नए डाल देते थे। इनके कारण खाना नहीं खा पाते थे। रात में नींद नहीं आती थी। इस वजह से हम परेशान थे। हमेशा यह सोचते थे कि या तो इसे मार दें या खुद सुसाइड कर लें।