ओम प्रकाश राजभर ने फिर मारा पलटी ! सपा से गठबंधन का किया एलान, ट्वीट कर कहा ‘अबकी बार, भाजपा साफ़’

यूपी : ओम प्रकाश राजभर ने फिर मारा पलटी ! सपा से गठबंधन का किया एलान, ट्वीट कर कहा ‘अबकी बार, भाजपा साफ़’

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लिए राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल जारी है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया. सूबे में घूमकर कर दोनों नेताओं ने रैली भी की. बीजेपी के साथ दोस्ती का हाथ भी बढ़ाया, लेकिन, ओम प्रकाश राजभर ने आखिर में सपा से गठबंधन तय कर लिया है. राजभर ने इस बात को खुद ही सार्वजनिक किया है.

बुधवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पशुपतिनाथ अपॉर्टमेंट में पत्रकारों से बात करते हुए सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने 2022 के विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला किया। राजभर ने कहा कि भाजपा ने सभी वर्गों के साथ धोखा किया। विशेष रूप से भाजपा ने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को धोखा दिया है। ओमप्रकाश ने बताया ने उन्होंने सपा अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से एक शिष्टाचार मुलाकात भी। अखिलेश से मिलने के बाद ही राजभर ने सपा के साथ चुनाव लड़ने का एलान किया है।

सपा के ओर से कहा गया है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक ओमप्रकाश राजभर सदैव गरीब, किसान, मजदूर, दलित व पिछड़े वर्ग के लिए लड़ते आए हैं. सुभासपा ने हमेशा सामाजिक न्याय की बात कही है, चाहे फिर वह आबादी व आर्थिक आधार पर आरक्षण, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, प्राथमिक विद्यालय में तकनीकी शिक्षा, घरेलू बिजली बिल माफ, महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण, गरीबों को मुफ्त इलाज, कुटीर एवं लघु उद्योग से बेरोजगारों को रोजगार, प्राथमिक विद्यालय से स्नातकोत्तर तक निशुल्क शिक्षा, बिना भेदभाव के नौकरी, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराना, निशुल्क स्वास्थ्य-शिक्षा और बिजली आदि.

यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने के बाद ओमप्रकाश राजभर की कैबिनेट मंत्री रहते हुए योगी सरकार से कई मुद्दों को लेकर लगातार दूरियां बढ़ती गई थी। जिसके चलते उन्हें अपनी मंत्री पद तक गंवाना पड़ा था। इसके बाद से भाजपा और सुभासपा के बीच खाई बढ़ती गई और राजभर से एनडीए से अलग हो गए। इसके बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से नजदीकियां बढ़ी। दोनों नेताओं ने यूपी में सरकार बनाने का दावा भी किया था। लेकिन दोनों की दोस्ती परवान नहीं चढ़ सकी और उनके रास्ते अलग-अलग हो गए। ओमप्रकाश राजभर ने यूपी की सत्ता में पाने के लिए कई छोटे दलों को मिलाकर एक मोर्चा भी बनाया था।

सपा और सुभासपा के मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा पूर्वांचल की सीटों का समीकरण बिगाड़ सकता है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने हमेशा ही छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके थे। 2017 के विधानसभा के चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में पूर्वांचल की 8 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें से 4 सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी।

बहरहाल उत्तर प्रदेश की सियासत में नया मोड़ आ गया है। बुधवार को लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ जाने का एलान करते हुए भाजपा को धोखेबाज पार्टी बताया है। इतना ही नहीं राजभर ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि ‘अबकी बार, भाजपा साफ’ ! उन्होंने यह भी लिखा है कि समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर साथ आए है। हालांकि, इसका औपचारिक एलान 27 अक्टूबर को मऊ में किया जाएगा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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