LEGAL Update
By n k sharma Advocate, High Court, Allahabad.
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कोर्ट से ज़मानत दिलाने की गैरंटी लेने वाले व्यक्ति को हाईकोर्ट ने बेल देने से किया इनकार

⚫हाल ही में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर एक महिला को धोखा देने का आरोप है, यह वादा करके कि वह उसके बेटे को जमानत पर रिहा कर देगा। कोर्ट ने घटना को गंभीर बताया और न्यायपालिका की छवि खराब की।
⚫पुलिस ने आरोपी (मिनोल अनिल हुड्डा) को पिछले साल आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
????अदालत के समक्ष, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके बेटे को जनवरी में एक नाबालिग के साथ रिश्ते में होने के कारण आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
????उसके बेटे की गिरफ्तारी के पांच महीने बाद उसे हुड्डा से मिलवाया गया, जिसने उससे वादा किया कि वह बेटे को रिहा करवा देगा और शिकायतकर्ता को 16,50,000 रुपये देने होंगे। महिला ने कहा कि रिहा नहीं होने के बाद हुड्डा ने उससे बचना शुरू कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस से संपर्क किया।
????कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले बड़े पैमाने पर हो गए हैं और इन्हें जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए। पीठ ने आगे कहा कि अब लोग अदालत में परिणाम की गारंटी दे रहे है जो यह धारणा देता है कि न्यायाधीशों और अभियोजकों को खरीदा जा सकता है, इसलिए ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
⭕अदालत ने कहा कि भले ही अपराध धारा 420 के तहत दंडनीय है, लेकिन गंभीर आरोप तत्काल मामले को अजीबोगरीब बना देते हैं और इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।