डग्गामार वाहन संचालकों के सामने, एटा प्रशासन ने टेके घुटने

एटा, लाख कवायद के बावजूद एटा में पुलिस प्रशासन अवैध डग्गेमार बसों के संचालन पर लगाम लगाने में नाकाम है। एटा के हर मार्ग पर अवैध बसों का बेखौफ संचालन हो रहा है । एआरटीओ और पुलिस सिर्फ अभियान तक ही सीमित हैं, अवैध डग्गेमार बसों संचालक रोडवेज के रंग में अपनी बसों को रंगवा कर रोडवेज बस स्टैंड के सामने और बस स्टैंड के आसपास से धड़ल्ले से सवारियां भरकर डग्गेमारी कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को रोज लाखों रुपयों का चूना लगा रहे हैं जिम्मेदार कार्यवाही के नाम पर महीने में सिर्फ एक या दो बस का चालान काट कर खुद अपनी पीठ ठोंक कर शाबाशी ले लेते हैं। इन अवैध डग्गेमार बसों ने शहर की यातायात व्यवस्था भी बिगाड़ रखी है।
समय-समय पर इन अवैध बसों के संचालन की खबर दैनिक अखबारों की हेडलाइंस भी बनती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी धृतराष्ट्र बने बैठे हैं। इससे यही प्रतीत होता है कि डग्गामार बसों के संचालन में जिम्मेदार अधिकारियों पर सत्ता पक्ष के नेताओं का दबाव है या जिम्मेदारों द्वारा हफ्ता वसूली के दम पर संचालन हो रहा है।
कारण कुछ भी हो, आर्थिक नुकसान उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का हो रहा है और शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ने से परेशानी जनता को हो रही है। और जिम्मेदार अधिकारी गांधीजी के तीन बंदरों की तरह गूंगे बहरे और अंधे बने बैठे हैं।