ताबड़तोड़ एनकाउंटर-आउट ऑफ टर्न प्रमोशन…पैसे की भूख ने जगत नारायण और अक्षय को बना दिया ‘कातिल’

यूपी: ताबड़तोड़ एनकाउंटर-आउट ऑफ टर्न प्रमोशन…पैसे की भूख ने जगत नारायण और अक्षय को बना दिया ‘कातिल’

कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या में नामजद इंस्पेक्टर जगत नारायण उर्फ जीएन सिंह की ही चर्चा लोगों की जुबां पर है। लोग कहने लगे हैं कि पैसे की भूख ने ‘कातिल’ बना दिया। थाने पर आने वाली ज्यादातर शिकायतों में जीएन सिंह पर वसूली के दाग लगते रहे। जीएन सिंह ने कभी इस दाग को धुलने की कोशिश भी नहीं की। जमीन कब्जा कराना हो या फिर खाली कराना, इस तरह के मामले में जीएन सिंह पर खुलेआम पैसा लेने के आरोप लगते रहे। कई शिकायतें मुख्यमंत्री के यहां तक भी गई थीं, वहां से कार्रवाई के लिए कहा जाता था लेकिन जांच के नाम पर कार्रवाई दब जाती थी। जीएन सिंह के कार्यकाल में जमीन विवाद के तीन मामलों की काफी चर्चा रही।

भू माफिया से कब्जा हटाने पर लिए एक लाख

रामजानकी नगर निवासी सतीश सिंह की पत्नी अर्चना सिंह ने 15 जून को गोरखनाथ मंदिर स्थित सीएम कार्यालय में प्रार्थनापत्र दिया था। आरोप था कि रामगढ़ताल इलाके में 2013 में बैनामा ली गई जमीन पर जब भी वह निर्माण कराने जाती हैं तो कुछ लोग उनके मजदूरों को मारपीट कर भगा देते हैं। महिला जिन पर आरोप लगा रही थी, उनके खिलाफ रामगढ़ताल और खोराबार थाने में कई मुकदमा होने का भी दावा कर रही थी। उसका कहना था कि सभी भू माफिया हैं। पर इस मामले में पुलिस उनकी सुनने को तैयार नहीं थी। राजस्व विभाग भी चक्कर कटवा रहा था। राजस्व विभाग के साथ पुलिस विभाग के लोग घूस की मांग कर रहे थे। महिला का आरोप है कि वह छह लाख रुपये तक घूस दे भी चुकी है जिसमें रामगढ़ताल एसएचओ रहे जय नारायन सिंह ने भू माफिया के कब्जे से जमीन दिलाने के लिए एक लाख रुपये लिए हैं। जबकि अलग-अलग लोगों को घूस दे चुकी है पर अभी तक उसका काम नहीं हुआ है।

एसएसपी जोगेंद्र कुमार के ट्रांसफर होते ही निर्माण गिराने का भी आरोप लगा

एक अन्य घटना में पीड़ित ने पुलिस कप्तान से अपनी जमीन कब्जा न होने की गुहार लगाई थी। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी जोगेंद्रने इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को टाइट किया तो पीड़ित विजय कसेरा की जमीन पर उन्होंने निर्माण करा दिया। लेकिन हद तो तब हो गई जब तत्कालीन एसएसपी जोगेंद्र कुमार का गोरखपुर से ट्रांसफर हो गया तो फिर दूसरे पक्ष से पैसा लेकर निर्माण गिरवा दिया गया। जबकि सीएम योगी के निर्देश पर राजस्व टीम के साथ पुलिस ने जिस जमीन पर खुद खड़े होकर निर्माण कराया था, एसएसपी के जाते ही रातों रात उस निर्माण को बुल्डोजर से ध्वस्त करा दिया गया।

सीएम तक पहुंची रही है रामगढ़ताल पुलिस की शिकायत

बड़गों की रहने वाली शिक्षिका कुमकुम यादव भी रामगढ़ताल पुलिस पर लिखित आरोप लगा चुकी हैं कि एसएसपी के आदेश पर कराए गए निर्माण को उसी रात दबंगों ने ढहा दिया। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने आजाद नगर चौकी इंचार्ज विनोद सिंह को वहां से जांच के बाद हटा भी दिया था। हालांकि उन्हें रिलिव उनके बाद आए एसएसपी दिनेश प्रभु ने किया। कई मामलों में तो सीएम ने फटकार लगाते हुए ऐसे थानेदारों को हटाने के भी निर्देश दिए थे, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बेलीपार एसओ बनवाने की थी तैयारी

वहीं, सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर जेएन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा की दोस्ती की चर्चा जिले भर में रही है। दोनों किसी समय में साथ में सिपाही थे। इसके बाद विभागीय परीक्षा देकर सब इंस्पेक्टर बने। बाराबंकी में भी दोनों साथ तैनात रहे। सूत्र बताते हैं कि इस बीच एसओजी और एसटीएफ में ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर जेएन सिंह आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन गए। गोरखपुर में एक बार फिर दोनों की मुलाकात हो गई। वह फलमंडी चौकी इंचार्ज बनने के बाद अक्षय मिश्रा को बेलीपार एसओ बनवाने में लगे हुए थे।

दोनों ने लखनऊ में अगल-बगल बनवाया है आलीशान मकान

इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा दोस्त ही नहीं रहे बल्कि उन्होंने एक ही जगह मकान भी बनवाया है। लखनऊ के चिनहट इलाके में दोनों का अगल-बगल आलीशान मकान है। सिपाही से सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर बने इन पुलिसवालों के मकान को देखने वाले पुलिसकर्मी बताते हैं कि यह वेतन से संभव नहीं है। फिलहाल अब जब जांच की शुरुआत हुई तो यह भी इस दायरे में आएगा ही।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks