सास-बेटा-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन के प्रति किया जागरूक

सास-बेटा-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन के प्रति किया जागरूक

एटा,

परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जनपद में सोमवार को सास-बेटा-बहू सम्मेलन की शुरुआत की गई । सोमवार को जनपद में 14 स्थानों पर सास- बेटा – बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत 20 सितंबर से 20 अक्टूबर के मध्य सास-बहू-बेटा सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। सोमवार को कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जनपद में 14 सास- बेटा-बहू सम्मेलन आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में सास व बहू की भूमिका के साथ बेटे की भूमिका भी प्रमुख होती है। इसलिए परिवार के हर निर्णय में इनकी भूमिका भी बड़ी होती है। सास -बेटा-बहू सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य सामंजस्य के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम की प्रासंगिकता का महत्व समझाते हुए इनका लाभ जन-जन तक पहुंचाना है |

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि सम्मेलन के आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन, प्रसव पश्चात और गर्भ समापन के पश्चात परिवार नियोजन के साधन की जानकारी, दो बच्चों के बीच अंतराल संबंधी जानकारी दी गई। साथ ही प्रतिभागी बेटों द्वारा परिवार नियोजन के संदेश पढ़ते हुए शपथ ग्रहण की गई।
नोडल अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर एक वर्ष के दौरान चिन्हित नवविवाहित दंपत्ति को परिवार नियोजन साधन के बारे में परामर्श दिया गया । उन्होंने बताया कि सम्मेलन में नव दम्पति, एक वर्ष के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवती,ऐसे दम्पति जिन्होंने परिवार नियोजन का साधन नहीं अपनाया ,ऐसे दम्पति जिनके तीन या उससे अधिक बच्चे हैं एवं दो बच्चों के बाद स्थायी साधन अपनाने वाले आदर्श दम्पति को प्रतिभागियों के रूप में प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे कि लक्षित दंपत्ति को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा सके।

सम्मेलन के दौरान हुई गुब्बारा प्रतियोगिता :

सास – बेटा – बहू सम्मेलन के दौरान गुब्बारा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। खेल के अंतर्गत चार परिवार द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें प्रत्येक परिवार को अलग-अलग संख्या में क्रम से एक, दो, तीन व पांच गुब्बारे वितरित किए गए। सभी को स्पष्ट किया गया कि अधिक गुब्बारों को संभाल कर रखना आसान नहीं। इस खेल के माध्यम से सीमित एवं छोटे परिवार के महत्व के बारे में बताया गया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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