आपराधिक गिरोह बनाकर अपराध करने वाले दो आरोपियों को हुआ सात वर्ष का सश्रम कारावास

एटा. आपराधिक गिरोह बनाकर अपराध करने वाले दो आरोपियों को विशेष न्यायाधीश उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एव समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम/ अपर सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय द्वितीय एटा द्वारा विचरण के उपरांत सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में छ: माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
मिरहची क्षेत्र के अंतर्गत आपराधिक गिरोह बनाकर समाज के विरुद्ध अपराध करने वाले समाज में भय व्याप्त करने वाले दो आरोपियों छोटे उर्फ छुट्टन पुत्र भीकम सिंह और गप्पू उर्फ गपराम उर्फ जयपाल सिंह पुत्र कुंवरपाल को गवाहों और साक्ष्यों पर विचारण के उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश /त्वरित न्यायालय दितीय एटा रीमा मल्होत्रा के द्वारा सात वर्ष के सश्रम आजीवन कारावास और बीस हजार रुपए के अर्थ दंड से दण्डित किया गया। न्यायालय द्वारा अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि उक्त अर्थदंड नही चुकाने की स्थिति में छ: माह के अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अपर सत्र न्यायाधीश रीमा मल्होत्रा द्वारा सात वर्ष के सश्रम कारावास एक अर्थदंड से दण्डित किए गए अभियुक्त गपराम उर्फ गप्पू उर्फ जयपाल सिंह थाना मिरहचि अंतर्गत गांव खोजपुर का रहने वाला है जब की छोटे उर्फ छुटटन नगला वारा थाना अमापुर जिला कासगंज का रहने वाला है। यह दोनों ही अभियुक्त एक संगठित गिरोह बनाकर हत्या अवैध वसूली जैसे अपराधो को अंजाम दिया करते थे। जिसके चलते तत्कालीन थानाध्यक्ष मिरहची बलदेव प्रसाद द्वारा छोटे उर्फ छुट्टन और गप्पू उर्फ गपराम के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एव समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 2/3 के अंतर्गत सन 2008 में मामला दर्ज किया गया था । उक्त मामले पर आज पूरे दिन चली बहस में अभियोजन की ओर से प्रस्तुत लोक अभियोजक अरुण कुमार माहेश्वरी और लोक अभियोजक रक्षपाल सिंह द्वारा तर्क दिया गया कि अभियुक्त अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं जैसा कि उनके संबंध में दाखिल गैंग चार्ट से स्पष्ट है जिस कारण थाना पुलिस मदन जी द्वारा इनको गिरोह बंद अधिनियम में विरोध किया गया है। इनका एक अपराधिक गिरोह है। जिसका गिरोह मुखिया छोटे उर्फ छुट्टन व गप्पू उर्फ गपराम उर्फ जयपाल सदस्य है इस गिरोह का क्षेत्र में है वह आतंक व्याप्त है इसके प्रति से जनता काफी आतंकित एवं भयभीत है। अभियुक्तगण छोटे ब गपराम उर्फ गप्पू उर्फ जयपाल सिंह धारा 16 और 22 के अधीन अपराध करने के अभ्यस्त हैं। इसके अतिरिक्त अभियोजन की ओर से परीक्षित गवाहों की गवाही से अभियुक्त के विरुद्ध यह मामला पूरी तरह से साबित है। दोनो पक्षों को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश रीमा मल्होत्रा द्वारा दोनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध पाते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं बीस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियुक्त छोटे उर्फ छुट्टन की ओर से अधिवक्ता देवेंद्र सोलंकी तथा अभियुक्त गप्पू की ओर से न्याय मित्र सूबेदार खान एडवोकेट उपस्थित हुए।