सात वर्षीय मासूम बालिका के बलात्कारी की जमानत अपील खारिज

एटा।सात वर्षीय मासूम बालिका के बलात्कार का आरोपी कि कोई भी दलील जिला न्यायालय के समक्ष काम नहीं आई! दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद तथा मामले की गंभीरता पर विचार करने के पश्चात जिला जज संदीप जैन द्वारा मासूम बालिका के बलात्कार के आरोपी की जमानत अपील खारिज कर दी गई!
विदित हो मासूम बालिका के बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका किशोर न्यायालय द्वारा पूर्व में ही खारिज की जा चुकी है! जिसके बाद अभियुक्त ने जमानत हेतु जिला न्यायालय के समक्ष जमानत अपील प्रस्तुत की थी !
संक्षेप में घटनाक्रम के अनुसार आसपुर थाना मलावन निवासी कमलेश (काल्पनिक नाम) की सात वर्षीय पुत्री विमला (काल्पनिक नाम) रात्रि में पेशाब करने के लिए उठी थी तभी वहां पहले से खड़े सलीम (काल्पनिक नाम) ने उसे पकड़ लिया और जबरजस्ती उसका मुंह बंद करके अपने साथ मकान के पीछे वीराने में ले गया जहां उसने उक्त मासूम को निर्वस्त्र कर उसके साथ बलात्कार किया मासूम के चीखने चिल्लाने पर अभियुक्त सलीम वहां से भाग गया तब मासूम बालिका अपनी मां को जगा कर सारी बात बताई पीड़ित बालिका की माने अव्यक्त सलीम के खिलाफ थाना मलावन पर शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद थाना पुलिस ने सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था अभियुक्त सलीम के नाबालिग होने के कारण अभी युक्त द्वारा किशोर न्यायालय एटा के समक्ष जमानत हेतु आवेदन किया गया किंतु समस्त तथ्यों पर विचार करने के उपरांत किशोर न्यायालय द्वाराअभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उसने जिला जज संदीप जैन के समक्ष किशोर न्यायालय के उक्त आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की थी
अभियुक्त सलीम की ओर से सुभाष शर्मा एडवोकेट द्वारा आपराधिक अपील प्रस्तुत की गई जब के पीड़िता की तरफ से डॉ नारायण भास्कर उपाध्याय एडवोकेट एवं नितिन चंद्रेश शर्मा एडवोकेट द्वारा उक्त अपील का विरोध करते हुए कहां गया कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध संपूर्ण समाज के विरुद्ध किया गया अपराध है इसके अपराध विद्या भयावहता इतनी भयानक है जिसके कारण लोग अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए भयभीत हो जाएंगे वीरता के अधिवक्ता द्वारा अपील का विरोध करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के निर्भया गैंगरेप वाले मामले में दी गई विधि व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा केवल इस आधार पर अभियुक्त नाबालिक है उसके साथ नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता अतः अपील खारिश की जावे
दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात एव अपराध की गंभीरता को देखते हुए लार्जेस्ट संदीप जैन द्वारा अभियुक्त की अपील खारिज कर दी गई