संघ से जुड़े किसान संगठन का मोदी सरकार को अल्टीमेटम, कहा- मांगें नहीं मानी तो 8 सितंबर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने किसानों के मसले पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को 31 अगस्त तक का समय देते हुए कहा है कि उनकी बात नहीं सुनी गई तो आठ सितम्बर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष युगल किशोर मिश्र ने मंगलवार को बलिया में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोदी सरकार को संचालित नहीं करता है। ऐसा होता तो उनके संगठन को आंदोलन का रास्ता अख्तियार नहीं करना पड़ता। मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कोई भी केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर संजीदा नहीं रही है। किसी ने भी किसानों की नहीं सुनी।
यह पूछे जाने पर कि क्या अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और मोदी सरकार ने भी किसानों के हितों को नजरअंदाज किया है तो उन्होंने कहा बिल्कुल। उनके संगठन की कई प्रमुख मांगें हैं। इनमें तीनों नए कृषि कानूनों में संशोधन, विवाद की स्थिति से निपटने के लिए एक समिति बनाने और मंडी के अंदर, बाहर किसानों से खरीदारी करने वालों को बैंक गारंटी देने की मांगें शामिल हैं। लेकिन पहले किसानों की उत्पादन लागत तय हो।
उन्होंने कहा कि किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता। न्यूनतम समर्थन मूल्य लाभकारी मूल्य कतई नहीं है। किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त हो, इसके लिए उनका संगठन आंदोलन करने के लिए विवश हुआ है। मांगों पर कार्रवाई के लिए मोदी सरकार को 31 अगस्त तक का समय दिया गया है और सरकार यदि उनकी मांग पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है तो आठ सितंबर को राष्ट्रव्यापी प्रतीकात्मक धरना किया जाएगा।
मोदी सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प से जुड़े सवाल पर मिश्र ने कहा कि पहले यह निर्धारण होना चाहिए कि किसानों का व्यय कितना हो रहा है और जब लागत निर्धारित होगी तभी तो लाभ का सवाल उठेगा, इसलिये लागत के आधार पर किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए।