आर्थिक रूप से कमजोरों की गणना की जानी चाहिए

अलीगंज(एटा)बार एसोसिएशन अलीगंज के अध्यक्ष अम्बरीष सिंह राठौर एडवोकेट ने जातिगत जनगणना होने से जातिवाद के समाप्ति के बजाय बढ़ावा देने वाला कदम बताते हुए विरोध व्यक्त किया है ।
हमारा संविधान हमेशा कमजोरों को संरक्षण देने वाले प्रावधानों से भरा रहा है इन्हें मजबूती देने के लिए आर्थिक रूप से कमजोरों की गणना की जानी चाहिए ।एक बार आरक्षण के बाद उस व्यक्ति का आरक्षण सदैव के लिए बंद हो जाना चाहिए उसके बाद उसके भाई को आरक्षण मिलना चाहिए ।जिससे आरक्षण 100 प्रतिशत प्राप्त हो सकता है ।जबकि आरक्षण प्राप्त व्यक्ति प्रमोशन में लाभ लेते हुए अपनी संतानों को ही आरक्षण दिलाता रहता है उसके अन्य भाई कमजोर ही बने रहते हैं ।
खुले मंच से इस विषय पर इन जातिवादी लोगों की खिलाफत करते हुए बार अध्यक्ष ने कहा जो जातिवादी नेता प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिए हैं वे विचार करें कि75 आजादी के सालों में अपनी कौम के कमजोरों के लिए क्या किया?स्वयं अरबों पति बने बैठे हैं ।कमजोर और कमजोर होता जा रहा है ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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