क्या धारा 482 CrPC के तहत याचिका के खारिज होने के बाद दूसरी याचिका दाखिल करने पर रोक है? सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

एक आईएएस अधिकारी द्वारा दायर एक रिट याचिका को खारिज करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया है कि धारा 482 सीआरपीसी के तहत याचिका के खारिज होने के बाद दूसरी याचिका धारा 482 के तहत दायर करने पर रोक नहीं है।
अधिकारी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमे उसके खिलाफ अट्ठाईस मामलों को रद्द करने की मांग की गयी थी।
माननीय न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि अदालत को अनुच्छेद 32 की याचिका पर विचार करना चाहिए क्यूंकि याचिकाकर्ता के पास अपने खिलाफ दर्ज मामलों और शिकायतों को रद्द करने के लिए सीआरपीसी के तहत उचित कार्रवाई करने का विकल्प है।
इस दलील को सुनने के बाद कि याचिकाकर्ता ने पहले धारा 482 के तहत आवेदन दायर करके उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था, पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल बनाम मोहन सिंह के मामले में कहा है की धरा 482 के तहत दायर याचिका की बर्खास्तगी के बाद भी याचिकाओं को दाखिल करने पर रोक नहीं है।
इसलिए, यह कहने की जरूरत नहीं है कि जब याचिकाकर्ता एक उपयुक्त आवेदन दायर करता है तो उसे पहले की बर्खास्तगी पर विचार किए बिना उसकी योग्यता के आधार पर निपटाया जाना चाहिए।
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