
*सिपाहियों के मोबाईल प्रेम पर ADG अविनाश चन्द का फरमान SP -CO जप्त करें मोबाइल*। *बरेली खबर—-* बरेली। बच्चों द्वारा मोबाइल के अधिक प्रयोग के तो आपने कई किस्से सुने होंगे लेकिन, अब पुलिस मोबाइल में फंस गई है। इसमे 2018 और 2019 बैच के सिपाही सबसे ऊपर हैं। पुलिस के बढ़ते मोबाइल प्रेम पर एडीजी अविनाश चंद्र ने सख्त नाराजगी जताई है। सीधे तौर पर लिखा है कि पुलिसकर्मी शारीरिक रूप तो ड्यूटी पर हैं लेकिन, मानसिक रूप से वह ड्यूटी पर नहीं होते। उनका सारा ध्यान मोबाइल पर केंद्रित होता है। बरेली व मुरादाबाद मंडल के कप्तानों को पत्र लिख नाराजगी जताते हुए लिखा कि निरीक्षण के दौरान यदि ऐसी शिथिलता मिलती है तो सीधे तौर पर थाना प्रभारी, सीओ, एएसपी और प्रतिसार निरीक्षण कार्रवाई के भागीदार बनेंगे। जोन के जनपदों में कानून-व्यवस्था के निरीक्षण के दौरान एडीजी अविनाश चंद्र ने राह गुजरते निगाह दौड़ाई तो अधिकतर मोबाइल फोन चलाते दिखे। इसी के बाद एडीजी ने बरेली व मुरादाबाद मंडल के पुलिस कप्तानों काे नाराजगी भरे लहजे में पत्र लिखा। लिखा कि वीआइपी ड्यूटी, पिकेट ड्यूटी, चीता मोबाइल, पीआरवी 112 में लगे पुलिसकर्मी विशेषकर 2018-19 बैच के सिपाही ड्यूटी के दौरान मोबाइल में मग्न रहते हैं। उनको यह आभास तक नहीं होता कि कौन आ रहा है और कौन जा रहा है। फलस्वरूप यह शारीरिक रूप से तो ड्यूटी पर रहते है लेकिन, मानसिक रूप से नहीं। सारा ध्यान सिर्फ मोबाइल पर केंद्रित रहता है। ऐसे में किसी भी समय अप्रिय घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता। पुलिस विभाग जैसे अनुशासित बल में नियुक्त रहते हुए यह लापरवाही कर्त्तव्य के प्रति उदासीनता का प्रतीक है। *अफसर टोकते नहीं…जनमानस में बनती है खराब छवि।* एडीजी ने यहां तक लिखा कि ऐसे लापरवाह पुलिसकर्मियों पर अफसर कार्रवाई नहीं करते। इससे आम जनमानस में पुलिस के प्रति खराब छवि बनती है। पुलिस विभाग उपहास का पात्र बनता है। ऐसे में इस तरह की कार्यप्रणाली में अंकुश लगाए जाने के लिए एएसपी, सीओ, प्रतिसार निरीक्षक और थाना प्रभारी ऐसे लापरवाह कर्मियों को टोके और न मानने पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।* *कप्तान करें निरीक्षण, सुधार न होने पर तीन दिन के लिए जब्त करें मोबाइल।* एडीजी ने कहा कि पुलिस कप्तान खुद के साथ एएसपी, सीओ, प्रतिसार निरीक्षक व थाना प्रभारी के जरिए चेकिंग कराएं। ड्यूटी के दौरान मोबाइल चलाने वाले कर्मियों को टोका जाए। अर्दली रूम में दंडित किया जाए। बावजूद सुधार न दिखे और दोबारा ऐसी हरकत करते पकड़े जाने पर तीन दिन के लिए मोबाइल जब्त करने की कार्रवाई की जाए। कहा कि निरीक्षण के दौरान हमें यदि दोबारा हमें ऐसी शिथिलता मिलती है तो संबंधित पुलिसकर्मी पर कार्रवाई के साथ थाना प्रभारी, सीओ, एएसपी और प्रतिसार निरीक्षक के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जैसे अनुशासित बल में नियुक्त रहते हुए अपने ड्यूटी कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाही उदासीनता का प्रतीक है। इससे जनता में पुलिस के प्रति खराब छवि बनती है। लिहाजा, जोन के सभी पुलिस कप्तानों को सुधार के निर्देश दिये गए हैं। दोबारा निरीक्षण में ऐसी लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। *अविनाश चंद्र, एडीजी*