1 जून से प्रभावी गैर आईएसआई हेलमेट बेचने पर सजा और जुर्माना लगेगा

1 जून से प्रभावी गैर आईएसआई हेलमेट बेचने पर सजा और जुर्माना लगेगा

नई दिल्ली, 4 जून (चमकता युग) इस 1 जून, 2021 से पूरे देश में नॉन-आईएसआई हेलमेट के उपयोग पर संपूर्ण तौर पर प्रतिबंध लागू हो चुका है और इस तरह के हेलमेट बेचने और खरीदने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पडे़गा। ऐसे में ये जरूरी हो गया है कि आप जिस हेलमेट को खरीद रहे हैं, उसकी दोबारा और अच्छी तरह से जांच करें कि वह सभी मानकों पर खरा उतरने वाला आईएसआई सर्टीफिकेशन प्राप्त हेलमेट हो। सुश्री रजनी गांधी, संस्थापक महासचिव, ट्रैक्स (ट्रैफिक रिर्फोम्स एंड एडवोकेसी एक्सपर्ट्स), एक प्रमुख एनजीओ, ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 26 नवंबर, 20 को जारी अधिसूचना “दोपहिया मोटर वाहन सवारों के लिए हेलमेट (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 20 में कहा गया है कि सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणित होने चाहिए और 1 जून से उन पर भारतीय मानक (आईएसआई) का प्रतीक लगा होना चाहिए।
रजनी गांधी ने कहा कि इस नए कानून का पालन न करने पर सख्त कदम उठाने और उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का फेसला भी किया गया है। कोई भी व्यक्ति जो गैर-आईएसआई हेलमेट का निर्माण, भंडारण, बिक्री या आयात करता है, उसे 1 साल तक की कैद या न्यूनतम 1 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है जो कि 5 लाख रुपए तक बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अतिरिक्त, देश में केवल बीआईएस/आईएसआई सर्टीफिकेशन वाले दोपहिया हेलमेट बेचने की अनुमति होगी, जिसका अर्थ है कि नॉन-आईएसआई हेलमेट बनाना या बेचना एक अपराध है और इस का उल्लंघन करने पर जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
श्री संदीप सूद चीफ ट्रस्टी, उत्प्रेरित कंज्यूमर फोरम ,-सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ ने कहा कि ये एक वास्तविकता है कि हर एक घंटे में 423 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं। साल 2019 में, 4,37,396 सड़क दुर्घटनाओं में 1,54,732 लोगों की मौत हुई और 4,39,262 लोग घायल हुए। हमें इनको रोकना होगा और मजबूत हेलमेट से मौतों का आंकड़ा काफी कम किया जा सकता है।
श्री राजीव कपूर, प्रेसिडेंट, टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन* ने कहा कि नया नियम समय की मांग है। इसके साथ ही ये भी एक तथ्य है कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3 प्रतिशत तक का नुकसान होता है और यह कदम निश्चित रूप से इन नुकसानों को कम करने में महत्वपूर्ण मदद करेगा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 3 लाख से अधिक लोग हर साल मारे जा रहे हैं लेकिन इस संख्या में केवल वहीं आंकड़ा शामिल है जो भारत सरकार द्वारा रिपोर्ट और दर्ज किया गया है। इसके विपरीत सामान्य दृष्टिकोण के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटनाओं में दस लाख से अधिक लोग मारे जा रहे हैं क्योंकि कई दुर्घटनाएं कभी रिपोर्ट और दर्ज नहीं की जाती हैं। मानव जीवन को बचाने के लिए ऐसे सुधारात्मक उपाय समय की आवश्यकता है। नियमानुसार अब इस आदेश के पालन पर सख्ती से अमल किया जाएगा। इस नियम को ना मानने वाले लोगों को कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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