@कुरूप_मानसिकता ‘लव क़ानून’ के नाम पर राजनीतिक जेहाद! दलित लड़की के साथ पिज्जा खाने गए मुस्लिम युवक को धर्मांतरण कानून के तहत जेल में किया बंद

तथाकथित लव-जिहाद को लेकर कानून बनाने वाली उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार पर इस कानून का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यह कानून खास तौर पर कथित रूप से मुस्लिम युवाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस धर्मांतरण कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस बारे में द प्रिंट की एक रिपोर्ट की माने तो उप्र में 18 वर्षीय सोनू उर्फ साकिब को पुलिस ने जबरन धर्मांतरण कानून के तहत जेल में बद कर दिया। यह घटना तब हुई जब वो अपनी सहपाठी के साथ पिज्जा खाने बाहर गया था। दोनों ने पिज्जा खाया फिर कोल्ड ड्रिंक पी और टहलने के लिए निकल गए।
दरअसल साकिब 18 दिसंबर को अपनी दलित दोस्त और अपनी पूर्व सहपाठी के साथ बाहर गया था लेकिन उसके बाद से ही पुलिस ने उसपर नजर रखी और उसे कथित तौर पर लड़की को प्यार के जाल में फंसाने और धर्म परिवर्तन के आरोप में जेल में डाल दिया।
प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को पश्चिमी यूपी जिला स्थित बरखेड़ा गांव निवासी लड़की के किसान पिता ने शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर मुस्लिम लड़के सोनू के खिलाफ केस दर्ज किया है। उनकी शिकायत के अनुसार वो कथित रूप से दलित नाबालिग लड़की को विवाह के इरादे से खुद के साथ रहने के लिए ‘फुसला’ रहा था और जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन यह मामला उस समय अधिक गंभीर हो गया जब लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस अपनी मनमानी करने लगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया गया। उन्होंने इस बात से भी मना कर दिया कि उनकी बेटी सोनू के साथ भागने की कोशिश में थी। यही बात लड़की ने भी जोर देकर कही कि सोनू ने कभी विवाह या धर्म परिवर्तन के संबंध में बात नहीं की।
वहीँ, पुलिस ने अपने बचाव में कहा कि मुस्लिम लड़का सोनू 18 साल का है, हालांकि परिवार ने उसे नाबालिग बताया है। बता दें कि पुलिस ने धर्मांतरण कानून के साथ-साथ सोनू के खिलाफ अपहरण, एससी एंड एसटी (अत्याचार निवारण) एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत केस भी दर्ज किया है।
इस दौरान सबसे खास बात यह रही कि लड़की के पिता ने शिकायत में किसी भी तरह के यौन हमले का जिक्र नहीं किया लेकिन पुलिस ने सपनो के खिलाफ दूसरे आरोप भी लगा दिए।