LAC से सटे भारतीय गांव में फिर घुसे चीनी सैनिक, ग्रामीणों के भारी विरोध पर लौटना पड़ा वापस

LAC से सटे भारतीय गांव में फिर घुसे चीनी सैनिक, ग्रामीणों के भारी विरोध पर लौटना पड़ा वापस

**चीनी सैनिकों के ताजा घुसपैठ की यह घटना चार-पांच दिन पहले लेह से 135 किलोमीटर दूर चानतांग गांव में हुई, जो न्योमा क्षेत्र में आता है। खबरों के अनुसार चीनी सैनिक सादे लिबास में चानतांग गांव पहुंचे थे और स्थानीय चरवाहों को वहां जानवर चराने से रोक रहे थे।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इस साल की शुरुआत में उपजे विवाद को हल करने के लिए लगातार बातचीत जारी है। दोनों पक्ष इस मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझाने की बात कर रहे हैं। लेकिन इस बीच चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में हाल में सीमा से सटे भारतीय गांव में चीनी सैनिकों द्वारा सादे कपड़ों में घुसपैठ करने की खबर आई है। हालांकि चीनी सैनिक ज्यादा अंदर नहीं आ सके और गांव के लोगों के भारी विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।

जनसत्ता की खबर के अनुसार चीनी सैनिकों के ताजा घुसपैठ की यह घटना चार-पांच दिन पहले लेह से 135 किलोमीटर दूर चानतांग गांव में हुई, जो न्योमा क्षेत्र में आता है। खबर के अनुसार चीनी सैनिक सादे लिबास में दो गाड़ियों से चानतांग गांव पहुंचे थे और स्थानीय चरवाहों को अपने जानवर वहां चराने से रोक रहे थे। लेकिन स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध के कारण उन्हें वहां से उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा।

स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया है। हालांकि, भारतीय सेना, आईटीबीपी या सरकार की तरफ से इस घटना की कोई पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन खबर में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन के लोगों का कहना है कि यह घटना चार पांच दिन पहले की है।

बता दें कि इससे पहले भी चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इसी साल मई-जून में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र के गलवान और पेंगोंग त्सो झील में घुसपैठ की बड़ी कोशिश की थी, जिसे रोकने के दौरान हुई झड़प में कई भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। इससे पहले 2018 में भी अरुणाचल प्रदेश के डोकलाम में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और भारत सीमा अंदर घुस आए थे, लेकिन भारतीय जवानों के विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा था।

वहीं, पूर्वी लद्दाख में एलओसी पर मई-जून में शुरू हुए गतिरोध के बाद से दोनों देशों की सेनाओं बड़ी संख्या में अभी भी एक दूसरे के सामने डटी हुई हैं। गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच अब तक 9 बार कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है। इसके अलावा बीते 10 दिसंबर को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच भी बात हुई है। लेकिन अब भी गतिरोध जस का तस बना हुआ है और तनाव बरकरार है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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