तमकुहीराज/ भगवान सूर्य कीउपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन नदी घाटों, तालाबों और अन्य जलाशयों में अर्घ्य देने व्रतियों का सैलाब उमड़ पड़ा। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ देकर व्रती अपने घर-समाज के लिए खुशहाली की प्रार्थना कर रहे हैं। सुदूर गांवों के सिंदुरिया बुजुर्ग ,मोगलपुरा, गगलवा, धार मठिया, उजारनाथ ,लोहलंगड़ी, करमैनी रामकोला टोला आदि गांव की महिलाओं तक छठ पर्व की रौनक से अमीर-गरीब हर वर्ग का जीवन रोशन हो रहा है।

अच्छी बात यह है कि लोग स्वयं भी कोरोना से बचाव के साथ पर्व को उल्लास से मना रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों अर्घ देने की तैयारी की है तो प्रशासन की ओर से भी एहतियात के साथ सूर्य उपासना की तैयारी की गई है। घाटों पर साफ-सफाई से लेकर आकर्षक रोशनी की व्यवस्था की गई है। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। दरअसल, लोक आस्था का यह पर्व इसलिए तो अनूठा है कि इसमें प्रकृति की पूजा, प्राकृतिक चीजों के व्यापक प्रयोग की कुशलता, शिक्षा और स्वास्थ्य सम्बन्धित सेवायें होती है।