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आज से चार दिन दीप उत्सव
जानिए धनतेरस-दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के शुभ मुहूर्त
रोशनी के महापर्व का शुक्रवार से धनतेरस के साथ शुभारंभ हो गया। खुशियां मनाने के लिए ताजनगरी तैयार है। बाजार से लेकर घर तक झिलमिल रोशनी में जगमगा उठे हैं। गुरुवार को बाजारों में दिनभर रौनक रही। बाजारों को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय और शिवचरण पाराशर ने बताया कि इस बार त्रियोदशी से लेकर भैया दूज तक बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं।
धनतेरस: खरीदारी का शुभ मुहूर्त : दोपहर 12:00 से 2:50, शाम 4:20 से 5:57 बजे
योग : आयुष्मान और प्रीति योग यह पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। शुभ संयोग बने हैं। इनमें सोना-चांदी, बर्तन, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, साज सज्जा का सामान खरीदना शुभ रहेगा। महालक्ष्मी का धनतेरस से अटूट संबंध है। इस दिन धन्वंतरि जयंती भी है। मान्यता है कि इसी दिन धन्वतरि देव औषधियों से भरा कलश लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे।
दिवाली: घरों में पूजन का समय : शाम 5:54 से 7:50 बजे
योग : आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, लक्ष्मी योग, वीणा योग
इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन 14 नवंबर को मनाई जाएंगी। छोटी दिवाली को रूप चौदस और नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु का वामन अवतार इसी दिन हुआ था। दिवाली के बारे में मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के समय महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। त्रेता युग में भगवान राम के वनवास से वापस आने पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं।
गोवर्धन: पूजन का समय : शाम 5:50 से 7:46 बजे तक
योग : शोभन योग, विशाखा नक्षत्र
दिवाली से अगले दिन अन्नकूट पूजा होगी। यह 15 नवंबर को है। ब्रज में इसका खास महत्व है। मान्यता है कि इंद्र ने एक बार कोप में आकर घनघोर वर्षा की। ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। अन्नकूट पर गिरिराज धरण भगवान की जाती है, उनको भोग लगाया जाता है।
भैया दूज: तिलक के मुहूर्त : सुबह 9:21 से 11:26 बजे , दोपहर 1:11 से 2:42 बजे
योग : सर्वार्थ सिद्धि योग, हर्ष महापुरुष योग,
भैया दूज का पर्व 16 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भाई-बहन यमुना में साथ स्नान करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से प्राणी की अकाल मृत्यु नहीं होती है।