कुशीनगर तमकुहीराज/असमय बारिश व मौसम की बेरुखी से धान का फसले ही नहीं बल्कि शब्जियाँ बरवाद हो गयी है ।

जिसका सीधा असर शब्जियो के दामो पर दिख रहा है।वाजार मे शब्जियो के दाम सुनकर दाँत खट्टे हो जा रहे है।शब्जियो के बढ़ते दाम आसमान छू रहे है।आलम यह है कि शब्जियाँ गरीब लोगों के पहुंच से दूर होती जा रही है।यहाँ तक कि हर मौसम मे उपलब्ध रहने वाला आलू भीआम लोगों थाली से गायब होने लगा है।इस बढती महगाई से हर आदमी त्रस्त है।ऐसे मे दिन भर मजदूरी करने वाले मजदूरों के सामने घर चलाने की समस्या खडी हो गयी है।एक गरीब आदमी दिन भर मजदूरी कर के कैसे अपने बीबी बच्चों की जरुरतों को पूरा करे।वह अपनी कमाई से शब्जी खरीदे कि अपने बच्चों को दवा, इलाज, कपड़े और पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करे।बाजार मेआलू चालीस रूपये प्रति किलो तो प्याज सत्तर रुपये हरी शब्जियाँ चालीस से लेकर सौ रुपये प्रति किलो तक विक रहे है।पता नही यह महंगाई कब तक लोगों का यूहीं रुलाती रहेगी।
तमकुहीराज।
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