ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पट बंद किए जाने का विरोध तेज

*धर्म रक्षा संघ का एलान* तीर्थनगरी वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पट बंद किए जाने का विरोध तेज हो गया है। धर्म रक्षा संघ के सदस्यों ने गुरुवार को मंदिर के सामने सड़क पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। धरना प्रदर्शन में महामंडलेश्वर डॉ.आदित्यानंद भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि शरद पूर्णिमा तक श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पट भक्तों के लिए नहीं खोले गए तो वे हजारों श्रद्धालु के साथ जबरन प्रवेश करेंगे। डॉ. आदित्यानंद ने कहा कि ठाकुर श्रीबांकेबिहारी का मंदिर न सिर्फ संपूर्ण ब्रजमंडल के आस्था का केंद्र है, बल्कि अर्थव्यवस्था का भी एक मजबूत केंद्र है। सारे ब्रजमंडल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से श्रीबांकेबिहारी मंदिर के कारण ही चलती है। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक महामंडलेश्वर रुद्रदेवानंद ने कहा कि श्रीबांकेबिहारी मंदिर के बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को भावनात्मक और धार्मिक दृष्टि से जो कष्ट हो रहा है, उतना ही कष्ट यहां के व्यापारियों, तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों को हो रहा है।  धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन की नाकामी के कारण श्रीबांकेबिहारी के दर्शन आम जनता के लिए बंद कर दिए गए हैं। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने की एक सोची समझी साजिश नजर आती है। संगठन के संयोजक नीरज गौतम ने कहा कि श्रीबांकेबिहारी मंदिर को पूर्व की भांति भक्तों के लिए तुरंत खोला जाए। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य समीर शुक्ला ने घोषणा की कि यदि 30 अक्तूबर शरद पूर्णिमा के दिन तक बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन पूर्व की भांति प्रारंभ नहीं किए गए तो धर्म रक्षा संघ के नेतृत्व में श्रद्धालु मंदिर में जबरन प्रवेश करेंगे। उधर, अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष रमेश दत्त शर्मा एवं ताराचंद ने धर्म रक्षा संघ के धरना को पूर्ण समर्थन दिया। संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीदास प्रजापति ने धरने पर आए सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।  श्रीबांकेबिहारी मंदिर के सेवाधिकारी आशीष गोस्वामी ने कहा कि प्रशासन को जितना जल्दी हो सके, व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर मंदिर को आम श्रद्धालु के लिए खोलने का निर्णय लेना चाहिए। बता दें कि सात महीने बाद 17 अक्तूबर से श्रीबांकेबिहारी के पट भक्तों के लिए खोल गए थे, लेकिन अधिक भीड़ के कारण दो दिन बाद 19 अक्तूबर से फिर बंद कर दिए गए। 

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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