ध्वस्त कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादियों ने भेजा गवर्नर को ज्ञापन

योगी सरकार में बे-लगाम अपराध एवं बे-खौफ अपराधी ,ध्वस्त कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादियों ने भेजा गवर्नर को ज्ञापन =============================एटा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ध्वस्त  कानून व्यवस्था एवं बलिया में भाजपा नेता द्वारा बे-खौफ होकर खुली पंचायत में जयप्रकाश पाल की गोली मारकर की गयी हत्या के विरोध में समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा महामहिम गवर्नर को संबोधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी चैम्बर के बाहर उपजिलाधिकारी सदर अबुल कलाम को सौंपा गया।  जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष परवेज जुबेरी ने  प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो चुकी है तथा स्थिति अत्यंत गंभीर है। हत्या लूट अपहरण बलात्कार की घटनाएं रोजाना घट रही हैं। और प्रदेश की योगी सरकार इस पर अपना नियंत्रण खो चुकी है। प्रदेश में बेलगाम अपराध और बेखौफ अपराधी सत्ता संरक्षण में पल रहे हैं। जनता अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है चारों ओर भय और आतंक का माहौल है। भाजपा राज में सर्वाधिक असुरक्षित महिलाएं एवं बच्चियां हैं। महिलाओं के साथ 2017 में   55011 वर्ष 2018 में 59445 वर्ष 2019 में 59853 अपराध हुए हैं राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में अपराधों के सापेक्ष 14,3  प्रतिशत अपराध संख्या उत्तर प्रदेश में होने से उसे अपराधों के मामले में प्रथम स्थान प्राप्त होता है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि  प्रदेश कानून व्यवस्था का आलम तो यह है कि बलिया में 15 अक्टूबर 2020 को दिनदहाड़े राशन दुकान के आवंटन की पंचायत में हुए विवाद में भाजपा नेता ने एक युवक को गोली मार दी। इस समय एसडीएम और सीओ भी मौजूद थे ,पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी आरोपी को भगा दिया गया। बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं से सभी लोग विचलित हैं। प्रदेश में किसी भी अपराधी को अपराध करने में जरा भी  संकोच या शर्म नहीं होती है। क्योंकि उसे सत्ता का संरक्षण मिलने का भरोसा होता है। भाजपा सरकार दलितों वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के हितों की पूर्णतया अनदेखी कर रही है। हाथरस में दलित बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी नृशंस हत्या के बाद आधी रात को पुलिस ने उसका शव जला दिया पुलिस प्रशासन का यह रवैया भी अत्यंत  शर्मनाक रहा है। न केवल हाथरस बल्कि बलरामपुर ,आजमगढ़ , बुलंदशहर ,भदोही ,लखनऊ ,बाराबंकी, बागपत, मेरठ ,फतेहपुर ,अलीगढ ,उन्नाव ,लखीमपुर खीरी ,मथुरा महाराज गंज, प्रयागराज और पीलीभीत में हुई हैवानियत की घटनाओं से प्रदेश की बदनामी हुई है। पुलिस की लीपापोती और अपराधियों को सत्ता द्वारा संरक्षण से कानून मानने वाले नागरिक विचलित और परेशान हैं। इस अवसर पर पूर्व विधायक  अजय यादव ,पूर्व विधायक अमित गौरव यादव, पूर्व विधायक रणजीत सुमन ,ब्लाक प्रमुख अनिल यादव ,जिला महासचिव भूपेंद्र प्रजापति, जिला पंचायत सदस्य वीरेश यादव ,जिला पंचायत सदस्य छोटू यादव, जिला पंचायत सदस्य शशांक यादव, तहसीलदार सिंह बघेल ,सुनील यादव ,राजीव यादव ,सत्तन शाक्य  ,जमशेद आलम , अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष फईमुद्दीन वारसी ,अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सागर ,अधिवक्ता प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष आकाश यादव, महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमारी धनगर ,शशि प्रभा शाक्य ,वेद यादव ,अनिल यादव , अवनीश यादव ,राजाराम यादव, रमेश राजपूत, कृपाशंकर सविता ,राम बृजेश यादव ,नगर अध्यक्ष सरफराज अहमद ,विकास यादव उर्फ बीटू सभासद  ,रविकांत यादव ,देवेंद्र कुमार,  सावित्री कश्यप ,नीरज राघव ,शीला प्रजापति, सुमन यादव ,निखिल धनगर ,सिपाही बघेल, अनिल कुमार सिंह सिंटू ,पवन कुमार यादव, राजकुमार बघेल, रोशनलाल भास्कर ,राजीव कुमार यादव ,सत्येंद्र सिंह यादव ,सुल्तान मोहम्मद ,रंजीत राठौर ,संदीप यादव ,कौशलेंद्र यादव ,अतुल यादव, भोले गुप्ता, मोनू गुप्ता, अंकित यादव ,अफसर अली ,अजमत खान, सादिक हुसैन ,गौरव प्रजापति ,सौरव यादव, अवनीश यादव ,मुकेश सिंह धनगर ,लटधारी प्रधान ,इंद्रपाल सिंह ,जसवीर सिंह ,विजय यादव, राज बघेल ,मुन्नू बघेल  श्याम सिंह बघेल, मोहम्मद वारिस ,लाखन सिंह वर्मा ,प्रदीप यादव, चंदन प्रजापति ,होरीलाल यादव  सतीश बाल्मीकि ,श्रवण कुमार कश्यप ,बृजेश मधुर, विजयपाल सिंह यादव ठेकेदार ,कृष्णगोपाल अग्रवाल सहित अनेक सपा नेता मौजूद रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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