अभी महीनों तक जारी रहेगा! चीन से तनाव, लद्दाख में सेना ने जरूरी सामानों का किया स्टॉक

अभी महीनों तक जारी रहेगा! चीन से तनाव, लद्दाख में सेना ने जरूरी सामानों का किया स्टॉक

सेना ने अग्रिम स्थानों पर तैनात लगभग 35,000 सैनिकों के लिए सारा जरूरी सामान स्टॉक कर लिया है। लद्दाख में पैंगोंग झील और गलवान घाटी जैसे ज्यादातर गतिरोध बिंदु समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं, जहां हाल में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय सेना ने 12,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर लंबे समय तक कठोर सर्दी से निपटने के लिए विशेष कपड़े, आहार और आश्रय का प्रबंध अभी से कर लिया है। लद्दाख में कई ऊंचाई वाले स्थानों पर सर्दियों में तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, इसलिए प्रतिकूल परिस्थितियों से निटपने के लिए भारतीय सेना विशेष तैयारी कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि एलएसी पर जारी तनाव को देखते हुए जवानों की तैनाती महीनों तक जारी रहने की संभावना है। यही वजह है कि काफी ऊंचाई वाले स्थानों पर काम आने वाले उपकरणों और अन्य सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति का अभी से प्रबंध किया गया है। इसके अलावा लद्दाख में स्थानीय निवासी भी भारतीय सेना की मदद करने के लिए स्वेच्छा से आगे आए हैं और जब भी किसी चीज की जरूरत होगी, तब वह भारतीय जवानों की सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।

सेना ने इन वस्तुओं को आगे के स्थानों पर तैनात लगभग 35,000 अतिरिक्त सैनिकों के लिए स्टॉक कर लिया है। लद्दाख में ज्यादातर गतिरोध बिंदु जैसे कि पैंगॉन्ग झील और गलवान घाटी समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। यही वह जगह हैं, जहां दोनों सेनाएं कई बार आमने-सामने हो चुकी हैं और इनके बीच हिंसक झड़प भी हुई है।

सेना ने जवानों की बढ़ी हुई तैनाती की जरूरतों को पूरा करने के लिए और उन्हें विशेष शीतकालीन कपड़े प्रदान करने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च किया है। कठोर सर्दियों के दौरान विशेष उपकरणों से लैस कपड़ों की लागत प्रति सैनिक लगभग एक लाख रुपये पड़ती है।इन क्षेत्रों में तैनाती के लिए कपड़ों और आश्रय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक सैनिक को लगभग एक लाख रुपये की लागत से विशेष वस्त्र और पर्वतारोहण उपकरण (एससीएमई) प्रदान किए जाते हैं।

सर्दियों के कपड़ों और अन्य सामग्री में विशेष थ्री-लेयर जैकेट और पतलून, जूते, बर्फ के चश्मे, फेसमास्क, रकसैक और अन्य चीजें शामिल हैं। एससीएमई सेट में बर्फ के कपड़े और विपरीत परिस्थितियों में बचे रहने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ टेंट शामिल हैं। जवानों को तापमान-नियंत्रित विशेष टेंट और प्री-फैब्रिकेटेड हट्स भी प्रदान किए जाते हैं। लद्दाख में जहां ऑक्सीजन का स्तर कम है, वहां ये सही तापमान बनाए रख सकते हैं।

साथ ही सैनिकों को दिए गए राशन को वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है, जिन्हें पर्याप्त पोषक तत्व प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए विशेष आहार में भूख कम करने और भोजन के सेवन को कम करने के लिए उच्च कैलोरी और पोषक तत्वों को शामिल किया जाता है, ताकि सैनिक अत्यधिक ठंडी जलवायु में तैनात रह सकें। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जवानों को रोजाना कुल 33 चीजें मुहैया की जाती हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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