
नेपाल में तिहार पर्व का दूसरा दिन कुत्तों को समर्पित होता है, जिसे कुकुर तिहार कहा जाता है। इस दिन चाहे पालतू हों या आवारा, सभी कुत्तों को फूलों की माला पहनाई जाती है, माथे पर लाल टीका लगाया जाता है और स्वादिष्ट पकवान खिलाए जाते हैं — जैसे मांस, अंडे, दूध या खास डॉग फूड।
माना जाता है कि कुत्ते यमराज के दूत होते हैं और उन्हें सम्मान देने से मृत्यु के देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे परिवार को आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है।
ये पर्व सिर्फ़ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि नेपालियों की कुत्तों के प्रति गहरी श्रद्धा और इंसान–कुत्ते के अनोखे रिश्ते का प्रतीक भी है।