
पटना –
“माया मरी न मन मरा ,मर -मर गए शरीर ।आशा तृष्णा न मरी कह गए दास कबीर “,
यही हालत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है, खुद ईमानदारी की सर्टिफिकेट बनते हैं बेईमानी साफ झलकती है अगर अंधा लूला गूंगा होगा भी कोई बता देगा क्या हो रहा है , गजब हाल है बिहार के , चौंकाने वाले भ्रष्टाचार है ,
आरा (भोजपुर) जिले में गंगा नदी के कटान से 300 से ऊपर गांव बह गए और 2000 से ऊपर लोग प्रभावित है , और खेल इतना बड़ा कि जब बांध टूटने की तैयारी कर रहा था तो सिंचाई विभाग द्वारा बंधे पर बोरियों में मिट्टी भर के डाली जा रही थी, यह तो होता था कि जब बांधा टूटते थे तो जली डालकर बोल्डर सीमेंट की बोरियां डाली जाती थी की रुक सके और आम जनता को राहत मिल सके ,और सिंचाई विभाग वाले लगभग 10 करोड़ रूपया भी पी गए और वही अब चुनाव में काम आएगा ,
और यह घटना 12 जुलाई की दूसरी तरफ चुनाव आयोग को लगता है की बिहार के लोग हमारे तरह ही गाड़ियां में सूट बूट टाई पहनकर AC वाले रूम में आते होंगे और गाड़ियों से यात्रा करते हैं , मतदाता सूची पर भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला जो बिहार के प्रति धारणा बनाई गई थी अब वह सामने दिखाई दे रही है बाहर भी मजदूरी करो और बिहार में भी, अपना रुपया लगाकर मतदाता सूची पुनरीक्षण में नाम जुड़वाओ ,