नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को शत शत नमन

घोर अंधकार है उजास मांगता है देश
पतझड़ छाया मधुमास मांगता है देश
कुर्बानियों का एहसास मांगता है देश
एक बार फिर से सुभाष मांगता है देश।

नई दिल्ली।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल )परिवार की ओर से नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को शत शत नमन।

18 अगस्त1945 ही वह तिथि है जब आधिकारिक रूप से कहा गया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई।

हर साल 15 अगस्त का सूरज हमें सिर्फ़ आज़ादी का अहसास ही नहीं दिलाता, बल्कि उन लाखों वीरों की याद भी दिलाता है जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए ताकि आज हम खुली हवा में साँस ले सकें।
चाहे वह भगत सिंह का जोश हो, भगत सिंह का साहस या रानी लक्ष्मीबाई का अदम्य साहस हर एक ने इस स्वतंत्रता के अमृत में अपना रक्त और पसीना मिलाया है।
इन महान आत्माओं में, मेरे हृदय के सबसे करीब हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस।
एक ऐसा नाम जो सिर्फ़ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में आज़ादी के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
उनका दृढ़ निश्चय, दूरदर्शिता और संघर्ष की राह पर चलने का साहस आज भी प्रेरणा देता है। नेताजी का मशहूर नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” सिर्फ़ शब्द नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में जोश भर देने वाली गर्जना थी।

आज़ाद हिंद फौज का गठन, विदेशी धरती पर भी आज़ादी की मशाल जलाना और हर कीमत पर मातृभूमि को स्वतंत्र देखने का संकल्प नेताजी का जीवन यह साबित करता है कि सच्चा नेतृत्व सिर्फ़ सत्ता पाने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को प्रेरित करने और उनके अधिकार दिलाने के लिए होता है।

आज जब तिरंगा हवा में लहराता है, तो उसकी हर लहर के साथ मुझे लगता है कि नेताजी जैसे नायकों की आत्मा हमसे कह रही है “इस आज़ादी को संभाल कर रखना, क्योंकि इसके पीछे हमारे सपने, हमारा संघर्ष और हमारी शहादत छुपी है।”

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks