कंगना राणावत : एक नया स्टार प्रचारक
उद्धव ठाकरे ने खोया : कंगना ने पाया

एक नये फायर ब्राण्ड व्यक्तित्व का अभ्युदय हो गया है, जिसकी दृढ़ संकल्प शक्ति ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। जितनी सुर्खियाँ उमा भारती, ऋतम्भरा, साध्वी प्रज्ञा व वरुण गांधी ने बटोरी हैं, उनसे कहीं अधिक विध्वंसक ऊर्जा से युक्त कंगना राणावत ने कुछ करोड़ के नुकसान और फिल्मी कॅरियर को दाँव पर लगा कर असंख्य भारतवासियों के दिल में जगह बना ली है।
धनु राशि में जन्मी और सशक्त सूर्य राशि मीन वाली कंगना राणावत की जन्म पत्रिका भी बहुत शक्तिशाली है। उनका ज्योतिष विश्लेषण सूर्य लग्न से ही किया जाएगा, जिसमें कि सूर्य, गुरु और राहु बैठे हैं और सूर्य लग्न से दशम में शक्तिशाली चन्द्रमा स्थित हैं। सूर्य से नवम स्थित शनि शत्रु का विध्वंस कर देने की ताकत रखते हैं।
उन्हें वाई श्रेणी सुरक्षा प्राप्त हुई है तो यह समझना भूल होगी कि उन्हें नरेन्द्र मोदी, अमित शाह एवं अजीत डोभाल की कालजयी तिकड़ी का वरदहस्त प्राप्त नहीं होगा। वरन् वह जो कुछ भी कर रही हैं या भविष्य में करने वाली हैं, उसका लाभ केवल
भारतीय जनता पार्टी को मिलने वाला है। यह समझना भी भूल होगी कि उन्होंने बम्बई या फिल्म इण्डस्ट्री पूरी तरह छोड़ दी है। भारत वर्ष की जन्म पत्रिका जो कि वृषभ लग्न की है यह बताती है, कि इन दिनों भारत के हर शत्रु का विनाश होगा और शनि की वर्तमान प्रबलता यह दर्शाती है कि फिल्म इण्डस्ट्री को धन उपलब्ध करवाने वाली अवांच्छित ताकतों का पतन हो जाएगा। तर्क कहता है कि उनका स्थान लेने के लिए भारत में रहने वाले या कार्य करने वाले एक धनी वर्ग का इस क्षेत्र में पूरी तरह प्रवेश हो जाएगा और फिल्म उद्योग यथावत चलता रहेगा। हाँ, नायक बदल जाएंगे। ज्योतिष का इशारा इस ओर है कि कई फिल्मी हस्तियों का अवसान काल अब निकट है और नये सितारों का उदय अगले पाँच-छह सालों में होने वाला है। मुम्बई नगरी की फिल्मी पटकथा में एक बड़ा परिवर्तन तब आयेगा जब शनिदेव अप्रैल, 2022 में कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे और अगले ढाई वर्ष तक वहीं पर भ्रमण करेंगे। तब सब कुछ बदल जायेगा।
कंगना राणावत को शनि का वक्रत्व भारी पड़ रहा है कि उनका करोड़ों रुपये का व्यक्तिगत नुकसान हो गया है, परन्तु भारत में एक सांसद बनने के लिए इतना खर्चा तो करना ही पड़ता है, जितना कि कंगना राणावत का आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने तो नुकसान से पूर्व ही अनन्त प्रचार ख्याति पा ली है, जिसका मूल्यांकन एक सांसद की प्रतिष्ठा से कहीं बहुत अधिक है। कंगना के अदम्य साहस ने बॉलीवुड और महाराष्ट्र की तीन टाँग की सरकार को ध्वस्त करने की ताकत पा ली है और देर-सवेर वे उसमें सफल हो जाएंगी। उनका राजनैतिक भविष्य मुम्बई में है या हिमाचल प्रदेश में या कहीं और, यह तो भविष्य ही तय करेगा। परन्तु यह तय है कि आगामी जो भी चुनाव होने वाले हंै या भारत के आम चुनावों तक उनकी स्टार वैल्यू बहुत अधिक बढ़ जाएगी और वे फिल्मी कमाई के प्रलोभनों से कहीं अधिक बड़े प्रलोभनों से मोहित सी रहेंगी।
इस फायर ब्राण्ड शख्सियत का प्रत्यक्ष उद्देश्य ड्रग माफिया, फिल्म माफिया व शिवसेना एवं उनके सहयोगियों का पतन कर देना है। निश्चित है कि ये सब कार्यवाहियाँ वर्षों तक चलेंगी। परन्तु उनकी इस मुद्रा का जो अदृश्य पटल है, वह राष्ट्रवादी शक्तियों को अनुकूल जान पड़ता है। शायद यही कारण है कि उनकी टीआरपी आज किसी भी ख्यात नाम फिल्मी सितारे से अधिक हो गई है। उन्होंने जिस साहस के साथ कदम उठाये हैं, उसका अंतिम परिणाम उन्हें पता था और वह यह बात पूरे देश को समझा भी पाई हैं। यही कारण है कि अपनी त्याग मुद्रा से वे देश की जनता और न्यायालयों की सहानुभूति अर्जित कर पाई हैं। चाहे संजय रावत हों या चाहे बीएमसी और चाहे सम्पूर्ण शिवसेना प्रशासन, एक नपुसंक क्रोध की अग्नि में जल रहे हैं और शीघ्र ही रक्षात्मक मुद्रा में आ जाएंगे।
उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 का है। इस समय वे बृहस्पति में केतु अन्तर्दशा के अन्तर्गत चल रहे हैं, जो कि 27 अक्टूबर तक चलेगी। उसके बाद उनको भाग्य के स्वामी शुक्र की अन्तर्दशा चलेगी, परन्तु शुक्र अस्त हैं। उसका खामियाजा उन्हें भोगना ही पड़ेगा। 2022 में जब कुम्भ राशि के शनि आएंगे, तो उनको राजनैतिक रूप से नुकसान होने वाला है। तब वे उन शक्तियों के उन्मुख होंगे जो कि वोटों के धु्रवीकरण में सफल जान पड़ती हैं। उनकी सिंह राशि है और शनि तब प्रतिकूल हो जाएंगे।
कंगना राणावत को यदि राजनैतिक उत्थान चाहिए तो उन्हें अपनी वर्तमान ‘Killer Instinct’ को कायम रखते हुए अधिक परिपक्व राजनैतिक शैली अपनानी पड़ेगी। देश में इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण योगी आदित्यनाथ के रूप में मौजूद है।