रानी रासमणि

- हावड़ा में गंगा नदी पर पुल बनाकर कलकत्ता शहर बसाया?
- अंग्रेजों को ना तो नदी पर टैक्स वसूलने दिया, और ना ही दुर्गा पूजा की यात्रा को रोकने दिया?
- कलकत्ता में “दक्षिणेश्वर मंदिर” बनवाया?
- कलकत्ता में गंगा नदी पर बाबू घाट और नीमतला घाट बनवाए?
- श्रीनगर में “शंकराचार्य मंदिर” का पुनरोद्धार करवाया?
- मथुरा में “श्री कृष्ण जन्मभूमि” की दीवार बनवाई?
- ढाका में मुस्लिम नवाब से 2,000 हिंदुओं की स्वतंत्रता खरीदी?
- रामेश्वरम से श्रीलंका के मंदिरों के लिए “नौका सेवा” आरम्भ करवाई?
- कलकत्ता का “क्रिकेट स्टेडियम” इनके द्वारा दान दी गई भूमि पर बना है?
- “सुवर्णरेखा नदी” से पुरी तक सड़क बनाई?
- “प्रेसिडेंसी कॉलेज” और “नेशनल लाइब्रेरी” के लिए धन दिया?
क्या इस महान हस्ती को नेहरू, मौलवी, पादरी, वमियों ने आपके सिलेबस में सम्मिलित किया ?
मुझे पूरा विश्वास है, कि 99% भारतीय इस महिला को नहीं जानते होंगे!
इन महान हस्ती का नाम है “रानी रासमणि”!
ये कलकत्ता के जमींदार की विधवा थी! 1793 से 1863 तक के जीवन काल में, रानी रास्मणी जी ने इतना यश कमाया है, कि इनकी बड़ी बड़ी प्रतिमाऐं दिल्ली और शेष भारत में लगनी चाहिए थी!
रानी रासमणि जी कैवर्त जाति की थी, जो आजकल अनुसूचित जाति में सम्मिलित है!
भारत के चाटुकार इतिहासकारों ने “रानी रासमणि” को अपेक्षित सम्मान नहीं दिया!