
चंदला – जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की सीमा में केन नदी किनारे बसे ग्राम बारीखेड़ा के निवासरत दो केवट परिवार अपनी पुश्तैनी जमीन बचाने दर दर की ठोकरें खाते फिर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार बिन्दुआ तनय बहादुरा केवट व गुनुवा तनय मैयादीन केवट दोनों निवासी ग्राम बारीखेड़ा तहसील गौरिहार अपनी पुश्तैनी जमीन पर सामिल खाता के रुप में बर्षों से खेती करते चले आ रहे हैं।इन दोनों की जमीन पर पुरान टूटा फूटा हनुमान जी का छोटा सा मंदिर था। कुछ वर्ष पहले इनके गाँव में बाहर से स्वामी सर्वदा नन्द जी महाराज चेला नारायण चन्द्र जी आए और ग्राम समाज के सहयोग से केवट परिवारों की पुश्तैनी जमीन मे बने पुराने मंदिर को नया मंदिर बनाने की सहमती ले कर मंदिर में बाबा ने डेर डाल दिया।
अषाड़ महीने में बाबा के चेलों ने मंदिर से लगी हुई 0.405 हैक्टेयर भूमि पर
ज्वार, अरहर, तिली की खड़ी फसल में तार फैंसिग लगा ली, मना करने पर बाबा के चेलों ने ऐ कहकर कि जमीन बाबा के नाम है सो तार फैंसिग लगा ली है जिसको सुनाना हो सुनाते रहो। इतना सुनते ही केवट परिवार सदमें में आ गया।
दिनांक 21/08/2020 को एस डी एम लवकुशनगर के यहां अपनी पुश्तैनी जमीन को बापस पाने की गुहार लगाई जिसमे प्रकरण की गंभीरता देख नायब तहसीलदार सरबई ने 9/9/20 को बाबा को उप तहसील सरबई में हाजिर होने का फ़रमान जारी कर दिया।
बाबा के आठ दस चेलों ने फ़रमान सुन कल सायं खेत पर ज्वार, अरहर, तिली की खड़ी फसल उजाड़ दी जिसकी सिकायत ले दोनों केवट परिवार आज थाना गोयरा गए फिर सरबई नायब तहसीलदार जी को अपनी ब्यथा सुनाई।