झांसी की रानी के पिता — श्रीमंत मोरोपंत तांबे जी(भट्ट) को श्रद्धांजली

क्या आप जानते हैं कि झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी के पिता कौन थे?
👉 वे थे श्रीमंत मोरोपंत तांबे जी — एक विद्वान, धर्मनिष्ठ और साहसी भट्ट ब्राह्मण।
📜 उनका जन्म 1806 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले में हुआ था। वे रत्नागिरी के मूल निवासी भट्ट ब्राह्मण थे। उनके पिता बळवंतराव कृष्णाजी तांबे एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे जो द्वितीय बाजीराव पेशवा के भाई चिमाजी अप्पा के साथ पुणे और फिर काशी तक गए।
💍 मोरोपंत जी का विवाह ‘साप्रे’ परिवार की भागीरथीबाई से हुआ, और 1835 में जन्म हुआ भारत की अमर पुत्री मनिकर्णिका, जिन्होंने आगे चलकर रानी लक्ष्मीबाई के रूप में इतिहास रचा।
⚔️ मोरोपंत जी न केवल रानी के पिता थे, बल्कि उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी भी निभाई।
जब अंग्रेजों ने झांसी पर आक्रमण किया, तो वे अंत तक अपनी बेटी के साथ खड़े रहे।
परंतु उन्हें धोखे से दतिया राज्य द्वारा पकड़कर अंग्रेजों को सौंप दिया गया।
💔 19 अप्रैल 1858 को झांसी के झोकनबाग़ में उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया।
👉 उन्होंने अपने पीछे छोड़ा—
पत्नी: यमुनाबाई तांबे उर्फ चिमणाबाई खानवलकर
पुत्र: चिंतामणी तांबे
कन्या: गोपिकाबाई खेर
और भारत माता की महान सपूत: रानी लक्ष्मीबाई
🙏 हम ऐसे वीर पिता को कोटिशः नमन करते हैं, जिनकी छाया में भारत की सबसे बहादुर बेटी पली-बढ़ी।
जय लक्ष्मीबाई! जय भारत!
जय भट्ट ब्राह्मण वंश 🙏🙏