

चिंता नहीं चिंतन करो – निरंकारी संत।
एटा – संत निरंकारी मिशन द्वारा आयोजित महिला समागम में एटा से शामिल हुये सैकड़ो महिलाये।महिलाओ को आध्यात्म से जोड़ने के लिए निरंकारी महिला समागम का आयोजन बालाजी जी मंडप बैंकट हॉल में हुआ। जहाँ निरंकारी प्रचारिका हर्ष चावला ने सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सन्देश देते हुए कहा- नारी जननी है मानव की, नारी का सम्मान करो। नारी विविध भूमिका निभाती है जो बेटी,बहन, पत्नी और माँ के रूप में अपनी जिम्मेदारी निर्वाह करती है। बच्चों के प्रारंभिक जीवन को संवारने का कार्य भी एक महिला माँ के रूप में करती है। नारी पृथ्वी पर एक ऐसी शक्ति है जिसने गुरु पीर पैगम्बरों को भी जन्म दिया है। आओ हम सब नारी का सम्मान करें।
निरंकारी संत ने कहा चिंता नहीं चिंतन करो। जिन चिंताओं में पड़ कर मानव आपस में लड़ता झगड़ता है और आपस में मतभेद पैदा कर्ता है। परमात्मा के चिंतन से (ब्रह्म ज्ञान ) वह सब उलझने सुलझ जाती है। परमात्मा के ज्ञान से मानव में समर्पण भावना प्रगट होती। जहाँ समर्पण होता है वहाँ प्रेम स्वतः ही प्रकट हो जाता है। जिस प्रकार एक बीज मिट्टी को समर्पण करता है तो उसे फूल,फल छाया सब मिल जाती है। उसी प्रकार जब मानव परमात्मा को समर्पण करता है।तो उसे प्यार,नम्रता, सहन- शीलता जैसे-दिव्य गुण प्राप्त होते है।जिससे मानव जीवन सहज़ और सरल बन जाता है।
निरंकारी महिला समागम में उपस्थित हजारों महिलाओ को भक्ति भावना से जोडते हुये, निरंकारी प्रचारिका ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हर परिवार, हर घर आध्यात्म जुड़े जिससे घर परिवार का वातावरण सुन्दर और सुखद बने। जीवन में बदलाव के लिए सहनशीलता जरूरी है।
निरंकारी प्रतिनिधि ने बताया कि समागम में अनेक वक्ताओ ने हिंदी, अंग्रेजी व नाटकीय ढंग से नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किये। निरंकारी महिला समागम में आगरा, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, उरई, एटा आदि आने वाले अनेक स्थानों से पहुंचेने बाले निरंकारी श्रद्धांलुओं का जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने आभार व्यक्त किया।