
एटा,बिना रजिस्ट्रेशन वालों के लिए बार एसोसिएशन एटा ने निर्देश जारी किये.
अब मुंशी के लिए भी निर्देश जारी किये गए है, ड्रेस कोड के बिना अदालतो में अगर दिखाई दिए तो अदालते बार एसोसिएशन को सूचित भी करेंगी भी कड़ी कार्यवाही सहित निर्देश दें सकती है.
इसलिए अब वो लोग सावधान हों जाये जो बकील बन कर आम जनता को ठग रहें है व अदावत कर रहें है, अगर दिए गए निर्देशों का पालन सख़्ती से हुआ तो निश्चित रूप से एटा बार एसोसिएशन प्रदेश के लिए उदाहरण बनेगा…
👉आम मुव्वकील ठगा नहीं जायेगा.
👉आम नागरिक बेचा नहीं जायेगा.
👉आम जनता में वकीलों के प्रति आदर बढ़ेगा,
👉आम और खास का अंतर दिखाई देगा…
इसलिए पीड़ित व्यक्ति को ज़ब भी किसी अधिवक्ता द्वारा न्याय कि गुहार न्यायालय में मुकदमा के माध्यम से करानी है तो सबसे पहले पीड़ित पक्ष को वकील का रजिस्ट्रेशन नंबर देखना चाहिए व बार एसोसिएशन द्वारा निर्गत कार्ड को देखना चाहिए।
महत्वपूर्ण Ps यह है कि क्या बरिष्ठ वकील जिनके ऑफिस पर दस-दस जूनियर (मुंशी) रहते है क्या ऐसे निर्देशों का पालन करते मिलेंगे या फिर अपनी अदावत से साबित करेंगे कि वो बार एसोसिएशन से ऊपर है, अपने संघठन को ही निम्न दिखाएंगे…