
संस्कारविहीन कुसंगति नाबालिग लड़कों को बना रही भविष्य के अपराधी
परिवार के साथ स्कूल भी हैं इन सबके लिए जिम्मेदार
एटा विशेष ब्यूरो : एटा नगर में शान्ति एवं कानून व्यवस्था को चुनौती देना एक खेल बन गया है। ये सब और कोई नहीं बल्कि स्कूलों के नाबालिग लड़कों के द्वारा किया जा रहा है। 8 क्लास से लेकर 12 क्लास के लड़के आये दिन स्कूल की ड्रैस में रंगबाजी करते दिख जाते हैं। ये लड़के सड़कों के साथ-साथ स्कूल परिसर में भी साईकिल की चेन, ब्लैड, चाकू और तमंचा (कटटा) आदि अस्त्र/शस्त्र स्कूल बैग में लेकर आते हैं और अन्य लड़कों को जान से मारने की धमकी देते हुए उपरोक्त हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तत्पर रहते हैं। पता नहीं इन लड़कों को इतनी हिम्मत आती कहां से है? क्या परिवार का माहौल आपराधिक है? यदि नहीं तो ऐसे लड़कों को सुधारने के लिए उनके अभिभावकों को कमर कसनी पड़ेगी और यदि परिवार का माहौल अपराधिक है तो ऐसे लड़कों को स्कूल एडमिशन देते क्यों हैं? एटा नगर में ऐसे भी स्कूल हैं जो अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। अनुशासनहीनता होने पर सिर्फ सुधरने का एक मौका दिया जाता है। अनुशासनहीनता की पुनरावृत्ति होने पर सीधा निष्कासन कर दिया जाता है। जबकि दूसरी तरफ नगर में ऐसे स्कूल भी हैं जहां पैसा देकर कोई भी अपने बच्चे का एडमिशन करा सकता है। अब चाहे वह लड़का कितनी भी रंगबाजी या अपराध करे। स्कूल प्रबंधन मूकदर्शक बना रहता है। उनको सिर्फ पैसा मिलना चाहिए। क्या पैसा ही सब कुछ है? क्या समाज और देश के प्रति अभिभावक/स्कूल की कोई जिम्मेदारी नहीं है? समाज और देश में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बिगाड़ने में जितने जिम्मेदार रंगबाज, अपराधिक सोच वाले लड़के हैं, उतने ही जिम्मेदार ऐसे लड़कों के अभिभावक हैं। साथ ही ऐसे लड़कों को पैसे की खातिर एडमीशन देने वाले स्कूल भी उतने ही जिम्मेदार हैं। मैं श्रीमान जिलाधिकारी महोदय एटा एवं श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय एटा से आग्रह करूंगा कि उक्त खबर का संज्ञान लेकर स्कूल आते जाते छात्रों की जांच कर कार्यवाही करने का कष्ट करें। चूंकि मामला शान्ति एवं कानून व्यवस्था का है। यदि किसी के भी साथ आपराधिक कृत्य हो जाता है तो उसके लिए शासन/प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।
एडवोकेट आदित्य कुमार सक्सैना (संपादक विशेष ब्यूरो हिन्दी समाचार पत्र)