
हमलावरो के हाथ दो लाख मे बिकी बहेडी पुलिस,
सी एम हैल्पलाईन को झूठी रिर्पोट बनाकर भेजी,,
घटना के समय नही थी बिजली,बन्द
थे सी सी टी वी कैमरे,
घटना की जाँच कर रहे आई ओ ने घोखे से खिचाया अपने साथ पीडित का फोटो, रिर्पोट मे लगाकर भेजा लखनऊ,
पीडित पहुंचा मानवाधिकार आयोग,
पत्रकार मिलेगे लखनऊ जाकर सी एम योगी से,
पीडित पत्रकार है पत्रकार प्रेस परिषद (भारत) का बरेली जिला अध्यक्ष,
प्रेस ट्रस्ट आँफ इण्डिया PTI को भी भेजा शिकायती पत्र
बहेडी! उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधियो के विरूद्व सख्ती की कार्यवाही के आदेशो के बाबजुद पत्रकार पर हुये हमले के मामले मे बहेडी पुलिस ने पीडित पत्रकार की रिर्पोट तक नही लिखी। उल्टे पुलिस ने हमलावरो से चार लाख चार लाख रुपये लेकर सी एम हैल्पलाईन पर पीडित पत्रकार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत आने पर जांच मे घटना न होना दर्शा कर रिपोरभेज दी गई है।आई ओ ने घोखे से पीडित पत्रकार के साथ धोखे से फोटो खिचाकर सी एम हैप्पलाईन लखनऊ को भेज दी । वरिष्ठ पत्रकार के बहनोई द्वारा दर्ज कराये गये अपराधिक मुकदमो को वापस कराने का दबाब बनाने के लिये वरिष्ठ पत्रकार द्वारा मना करने पर हमलावरो द्वारा समाचार पत्र कार्यालय मे तोड फोड करने और मारपीट की शिकायत पुलिस से की गई थी । थाना पुलिस ने पुलिस उच्चाधिकारियो के आदेशों के बाबजूद मुकदमा दर्ज नही किया ।
बरेली से प्रकाशित एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार (सम्वाददाता) और पत्रकार प्रेस परिषद (भारत)के जिला जिला अध्यक्ष मो० आसिफ पर बीती 25 जून की रात्रि लगभग आठ बजे नगर के पुराने बस स्टैण्ड स्थित मुख्य मार्ग पर अपने कार्यालय मे समाचार लिख रहे थे,उसी समय बरेली के मोहल्ला घेर शेख मिट्ठू निवासी सुहेल अनवर के साथ उसकी कार मे मुब्बसिर पुत्र मेहन्दी हसन, सुबहान पुत्र मुब्बसिर,मुब्बसिर की पत्नी रूसी, सुहेल अनवर पुत्र अब्दुल सईद सायरा बी पुत्री मेहन्दी हसन, अशरफ पुत्र मेहन्दी हसन समाचार के पत्र कार्यालय मे आये और पत्रकार के किला थाना निवासी बहनोई मसरूफ हुसैन द्वारा उक्त नामजद लोगों के विरुद्ध किला थाने मे दो अपराधिक मुकदमे दर्ज कराये गये है । इन मुकदमो मे उक्त लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही चल रही है। काननी कार्यवाही मे पत्रकार अपने बहनोई के साथ पैरवी कर रहा है। बहेडी कार्यालय मे आकर हमलावरो ने प्रार्थी को धमकाया कि वह मुकदमे वापस कराये और बहनोई को समझाये नही तो तुझे और और मुकदमा दर्ज कराने बाले तेरे बहनोई मसरूफ को जान से मारकर जेल जायेगे । पत्रकार द्वारा मुकदमा वापस लिये जाने को मना करते ही ये कार से आये आधा दर्जन लोगों ने अवैध असलहे निकाल कर वरिष्ठ पत्रकार मो०आसिफ पर हमलावर हो गये गये थे और मारपीट गाली गलौच और जान से मारने की नीयत से तमन्चे तान दिये थे । और कार्यलय मे तोड फोड कर दी।पत्रकार के यहाँ शोर शराबा चीख पुकार सुनकर आस पास के दुकानदार और राहगीर मौके पर आ गये, तब इन लोग मो०आसिफ को बचाया ।
घटना की लिखित शिकायत मो० आसिफ द्वारा बहेडी थाने मे दी गई परन्तु थाना प्रभारी निरीक्षक संजय तोमर, ने पीडित से हमलावरो के मोबाइल न माँगा था, जो पीडित ने अपने जीजा से लेकर उन्हे दिया था, जियोपुलिस द्वारा कार्यवाही न किये जाने पर पत्रकार ने सी० एम० पोर्टल, पुलिस महानिदेशक, गृह मंत्रालय,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से रिपोट दर्ज कराकर कार्यवाही की गुहार लगाई है।परन्तु बहेडी कस्वा चौकी प्रभारी ने
मौके पर आकर आस पास के लोगों से जानकारी कर सी सी टी वीफुटेज माँगी और मुकदमा दर्ज नही किया ।पत्रकार को लगातार धमकियाँ मिल रही है। प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी योगी आदित्य नाथ ने प्रदेश मे अपराधियो के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देशो के बाबजूद बहेडी पुलिस द्वारा नामजद लोगों के विरुद्ध कार्यवाही न करने से स्थानीय पत्रकारो मे पत्रकार हिमाशु पाण्डेय, धमेन्द दीपक, हसीव रिजवी, पत्रकार प्रेस परिषद (भारत) के बहेडी तहसील अध्यक्ष मुमताज अली, आर के पाण्डे, आर के सक्सेना, अब्दुल वाजिद,वसीम कुरैशी, हेमन्त डंग, शाहिद अन्सारी, हरीश गंगवार, नरेश मिश्रा, फजलू रहमान, अलतमश सिद्दीकी, सोमवीर सिंह भदौरिया, राजेश, अनीता देवी, सुरजीर, ततहीर अहमद पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सीताराम दुवे, राजेश कश्यप, बरेली के पत्रकारो मोo शाहिद खां धमेन्द्र रस्तोगी, जमीर अहमद, पीलीभीत प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनुज सक्सेना, सन्तोष वर्मा, किच्छा उत्तराखण्ड के पत्रकार अब्दुल अली तन्हा, मुन्ना कुरैशी .आदि पत्रकारो मे भारी रोष व्याप्त है पत्रकारो ने कहा है कि यह पत्रकार पर हमला नही है भारत के चौथे स्थम पर हमला हैं, पत्रकारो ने कहा है कि प्रदेश के मुखिया योगी अदित्य नाथ से लखनऊ जाकर पत्रकारो ने बैठक कर बहेडी कोतवाल, नगर चौकी प्रभारी, आई ओ का यहाँ से तबदला कराये जाने की पुरजोर मांग की है। साथ ही साथ हमलावरो से घटना को फर्जी बनाने के एवज मे चार लाख रुपये लिये जाने की भी गोपनीय जाँच कराये जानें की भी माँग की गई है। और इस मामले की जाँच किसी अन्य थाने से कराये जाने की माँग की गई है। पत्रकारो का यह भी कहना है कि पीडित पत्रकार के साथ कोई भी घटना घटित होती हैं तो इसके लिये हमलावर और बहेडी पुलिस जिम्मेदार होगी ।