सहारनपुर
डॉ अम्बेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम बना एक विशाल तालाब?

खिलाड़ियों एवं कोच का परिश्रम व समय बर्बाद?
पानी निकासी का कोई ठोस प्रबन्धन नहीं
ट्रैक की 2,3,सालों में ही दुर्दशा । जहां तहाँ से फटा पड़ा है ट्रैक
कहीं से भी धँस सकता है ये ट्रैक और खमियाजा भरना पड़ सकता है खिलाड़ियों को
आखिर किसकी ठेकेदारी में ये लीपा पोती की गई । और करोड़ों के काम में किस किस ने अपनी जेबें गर्म की?
मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध स्टेडियम डॉ भीमराव अंबेडकर सहारनपुर का है । जहाँ दूर दूर शहरों और गावों से खिलाड़ी अपने भविष्य को बनाने का सपना लेकर । किराये के मकानों में किराए आदि पर रहकर । एक समय का भोजन न भी मिले किन्तु कठिन परिश्रम कर अपने इरादे (करीयर) बनाने में अपनी जिन्दगी के अहम हिस्से को तप्ती धूप ,बरसात ,आँधी, तूफान,कड़कती सर्दी में झोंक दिया । यहाँ के कोच छुट्टी में भी अपने खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील है ।
दुर्भाग्य है कि सरकार द्वारा इतना पैसा लगाने के बावजूद यह स्टेडिम थोड़ी सी बारिश में ही तालाब बन जाता है ।और कई दिन तक भी पानी की निकासी नहीं हो पाती है। सरफेस का कोई मुआयना नहीं ।जहाँ तहाँ गड्ढे बने हैं । आये दिन खिलाड़ियों के पैरों में मोच ,चोट आदि की घटनाएं होती रहती हैं ।
ये लोग जो अपने घर छोड़ यहाँ आये हैं किसके आगे रोएं । कौंन अपने विवेक से इनके बारे में सोच रहा हैं ।जितने भी कोच हैं वे अपने खिलाड़ियों की प्रतिभा बढ़ाने का निरन्तर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये बाधाएं क्या कोच के सपनो में ग्रहण नही लग रहा है ।
मानसिकता समाचार पत्र उम्मीद करता है कि वरिष्ठ अधिकारी इस और विशेष ध्यानाकर्षित हो खिलाड़ियों के लिए आगे आयेंगे।
खिलाड़ियों में निराशा है