
समय की घड़ी कितनी तेज चलती है स्मृतियों में पता ही नहीं चलता। आज पुण्यतिथि है जिनकी, वे बाँका (बिहार) के सांसद व प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी की कैबिनेट में विदेश व गृह राज्यमंत्री रहे डॉ. दिग्विजय सिंह जी जो बाँका नरेश भी कहे जाते थे ।
मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे वे, क्योंकि 1990 के सुश्री उमा भारती जी के काफिले की गंजडुंडवारा में रिपोर्टिंग करते हुए दैनिक जागरण एटा – कासगंज के ब्यूरो चीफ पत्रकार श्री गजेन्द्र सिंह राठौर की हिंदू – मुस्लिम दंगे में हत्या कर दी गई थी। एटा और कासगंज में जिनके बगैर किसी नेता का हुक्म नहीं चलता था। इसलिए कस्बा राजा का रामपुर में मड़िया चौराहे पर पत्रकार श्री गजेन्द्र सिंह राठौर के स्मारक निर्माण का निर्णय सभी शुभ चिन्तकों द्वारा लिया गया था! तत्कालीन चेयरमैन श्री महावीर सिंह राठौर ने दरियादिली दिखाते हुए राजा का रामपुर मड़िया चौराहे पर 5×5 फुट की जगह आवंटित की थी ।
तात्कालिक रूप से आनन फानन में चबूतरा बना दिया गया। मैंने जयपुर में जाकर मूर्ति बनवाई। मेरे संयोजकत्व में ही उस समय अमर शहीद स्मरण समिति, राजा का रामपुर बनी, जो अब अमर शहीद स्मरण जन सेवा संस्थान ट्रस्ट के रूप में विद्यमान है। पत्रकार श्री गजेंद्र सिंह स्मारक के लोकार्पण के लिए मैं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री चंद्रशेखर जी से मिला। चूंकि पत्रकार श्री गजेन्द्र सिंह राठौर की जन्मतिथि पर 10/10/93 को लोकार्पण होना तय था, जो लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी की जयंती 11/10/93 से एक दिन पहले था इसलिए डॉ. दिग्विजय सिंह जी को श्रद्धेय श्री चन्द्रशेखर जी ने राजा का रामपुर जाने का निर्देश दिया और वे आए भी। ट्रांसपोर्टर श्री नरेंद्र सिंह चौहान के सहयोग से एटा में सेठ फकीर चंद के बैकुंठ भवन में ठहराया गया। जहां से राजा का रामपुर मड़िया चौराहे पर पत्रकार श्री गजेन्द्र सिंह राठौर की मूर्ति का लोकार्पण किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. चन्द्रशेखर त्रिवेदी जी ने की, पूर्व विधायक श्री उदयवीर सिंह राठौर जी, पूर्व विधायक श्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी जी, पूर्व मंत्री श्री गेंदालाल गुप्ता जी, पूर्व सांसद प्यारे मियां, समाजवादी नेता श्री प्रकाश चंद्र गुप्ता, वरिष्ठ शिक्षक श्री योगीराज कुमार एवं श्री गजेंद्र सिंह राठौर के परिजनों सहित हजारों शुभचिंतक उपस्थित रहे ।
जिलाधिकारी श्री उमेश सिन्हा जी उन्हीं की वजह से मेरे संपर्क में प्रगाढ़ संबंध के साथ रहे। ऐसा लगता है कल की ही बात है ।
परम् पूज्य दादा डॉ. दिग्विजय सिंह जी की पन्द्रहवीं पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन व अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि !
Putul Kumari श्रेयसी सिंह Virendra Singh Solanki Uday Veer Singh Rathor