
एटा,
अखिल भारतीय धनगर समाज महासंघ (पंजी.) के जिलाध्यक्ष रवेन्द्र धनगर ने बताया है कि डबल इंजन सरकार के अधिकारी ने धनगर जाति पर घोर अत्याचार करते हुए दिनांक 25 जून 2025 को जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी ऑनलाइन पोर्टल पर अनुसूचित जातियों की सूची में क्रमांक 27 पर सन 1950 से ही अधिसूचित चली आ रही जाति धनगर को बदलकर धंगड़ करके संविधान की हत्या कर दी है।
एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा विधि विरुद्ध आदेश दिनांक 16 जून 2025 जारी करके अनुसूचित जातियों के क्रमांक 27 पर अंकित जाति की हिंदी वर्तनी धंगड़ कर दी है जिससे प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। जबकि दिनांक 17 जुलाई 2009 को भी इसी तरह का आदेश करने पर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या 40462 सन 2009, 12436 सन 2007 में आदेश जारी करके अनुसूचित जाति की हिंदी वर्तनी को धनगर बताया हैं जिससे हिंदी वर्तनी का विवाद समाप्त हो चुका था। उच्च न्यायालय द्वारा तय हो चुके मामले के विपरीत आदेश जारी करने की क्षमता केवल सुप्रीम कोर्ट या संसद में है, फिर भी प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा विधि विरुद्ध आदेश जारी किया जाना उच्च न्यायालय की स्पष्ट अवमानना है तथा संविधान की हत्या है।
16 जून 2025 के आदेश के कारण उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय में सरकार के विरुद्ध लंबित मामले पूरी तरह से विरोधियों के अनुकूल हो गए हैं तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा न्यायालय को दिए जा चुके शपथ पत्र भी झूठे साबित हो गए हैं।
कई अन्य दस्तावेज जैसे अनुच्छेद 341(1) के आधार पर राष्ट्रपति आदेश 1950 के अनुसार भारत सरकार द्वारा जारी पिछड़ा वर्ग आयोग रिपोर्ट सन 1955 तथा इस रिपोर्ट के अनुसार जारी अनुसूचित जाति अधिनियम 1956, संविधान अनुच्छेद 341(2) के अनुसार राज्यपाल के द्वारा प्रस्तावित किए जाने के आधार पर अनुसूचित जाति अधिनियम 1976 के लिए संसद के पटल पर रखे गए विधेयक संख्या 59/1976 का संसद की वेबसाइट पर सर्व सुलभ उपलब्ध हिंदी संस्करण, अनुसूचित जाति अधिनियम 1976 के अनुसार आयुक्त एवं सचिव उत्तर प्रदेश शासन का सभी जिलाधिकारियों को जारी पत्र दिनांक 29/8/1977, सचिव सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय का पत्र दिनांक 6/5/1998, राज्यपाल द्वारा जारी राजपत्र दिनांक 15/9/2001, विधि एवं न्याय मंत्रालय की अनुमति से महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जाति अधिनियम 1976 के राजपत्र का हिंदी संस्करण इत्यादि भी आदेश दिनांक 16 जून 2025 को झूठा साबित करते हैं।
मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 16 जून 2025 को तुरंत प्रभाव से निरस्त/निष्प्रभावी/वापिस करवाकर संविधान की हत्या होने से बचाएं। और हिंदी वर्तनी को सही कराकर धनगर करने हेतु अपील करता हूं।