अरविंद कुमार ब्यूरो चीफ पीलीभीत
टाइगर रिज़र्व बंद, खुला है एक दरवाज़ा करें बाघों का दीदार

टाइगर सफारी के दीवानों के लिए एक अच्छी खबर है। भले ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 10 दिन पहले समाप्त हो चुका है, लेकिन जो लोग जंगल के रोमांच और बाघों के दीदार से चूक गए थे, उनके पास अब भी एक शानदार मौका है। यूपी और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित सुरई इको टूरिज़्म ज़ोन में 30 जून तक पर्यटक सफारी का आनंद ले सकते हैं। पीलीभीत टाइगर रिज़र्व से महज 20 मिनट की दूरी पर स्थित है। यह इलाका उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो अंतिम समय में सफारी बुक न कर पाने की वजह से मायूस हो गए थे। यहां पर मुस्तफाबाद गेट के पास से आपको सफारी वाहन आसानी से मिल जाएगा।
सुरई इको टूरिज़्म ज़ोन पिछले कुछ सालों में पर्यटकों के लिए खोला गया है। यह इलाका उत्तराखंड के पूर्वी तराई वन प्रभाग की सुरई रेंज में आता है। 180 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल के चारों ओर बाघों और अन्य वन्यजीवों का गढ़ है। पूर्व में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा शहर, उत्तर में मेलाघाट रोड और दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व इस जंगल को चारों ओर से घेरे हुए हैं।
आपको करीब 40 किलोमीटर लंबा विकसित जंगल सफारी रूट मिलेगा। यहां आप जिप्सी में बैठकर सीधे जंगल के दिल में प्रवेश करेंगे। इस सफारी में आप कई तरह के जानवरों को देख सकते हैं। जैसे रॉयल बंगाल टाइगर,भालू, चीतल, सांभर, काकड़
पैंगोलिन, पांडा, कोरल स्नेक आपको आसानी से दिखाई देंगे। यह इलाका न सिर्फ वन्यजीवों के लिए खास है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से भी भरपूर है। यहां के घास के मैदान, घने जंगल, प्राचीन शारदा नहर, और शांत तालाब इसे और भी यादगार बना देते हैं।
अगर आप सुरई इकोटूरिज़्म ज़ोन में सफारी का मजा लेना चाहते हैं तो दो रास्ते हैं। मुस्तफाबाद गेट से सफारी बुकिंग का खर्च करीब 5000 रुपए आएगा, वहीं दूसरा सुरई गेट से सफारी बुकिंग का खर्च 4500 रुपए आता है। अगर आपने अब तक बाघों का दीदार नहीं किया, तो 30 जून तक आप इस खास सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं।