
एटा मेडिकल कॉलेज बना लापरवाही का अड्डा – डिलीवरी वार्ड में सोते मिले नर्सिंग स्टाफ, तीन की सेवा समाप्त
एटा मेडिकल कॉलेज में मरीजों की जान से खिलवाड़ अब आम बात हो गई है। ताजा मामला गायनिक वार्ड का है, जहां रात्रि के समय ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ मरीजों को छोड़कर दूसरे कमरे में जाकर गहरी नींद में सोता मिला।
डिलीवरी वार्ड – जहां हर पल जान का खतरा होता है, वहां अगर मेडिकल स्टाफ खुद आराम फरमाए, तो इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है? यही हुआ एटा मेडिकल कॉलेज में।
मरीजों के परिजनों ने जब देखा कि नर्सिंग स्टाफ गायब है, तो ढूंढने पर वे दूसरे कमरे में सोते मिले। इस पूरी घटना का वीडियो बनाया गया, जो बाद में भारतीय किसान यूनियन स्वराष्ट्र के पास पहुंचा।
“ये न सिर्फ लापरवाही है, बल्कि गरीबों की जान से खिलवाड़ है। ऐसे मेडिकल कॉलेज को या तो सुधारा जाए या बंद किया जाए।”— दीपक पाराशर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भा.कि.यू. स्वराष्ट्र
किसान यूनियन के मेडिकल कॉलेज में धरना प्रदर्शन और मीडिया में मामला आने के बाद कॉलेज प्रशासन हरकत में आया। जांच कमेटी गठित हुई और तीनों नर्सिंग स्टाफ को दोषी पाया गया। प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तीनों की सेवा समाप्त कर दी।
यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एटा मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी यूनिट में थर्मामीटर तक उपलब्ध न होने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। यह साफ इशारा करता है कि इस संस्थान में व्यवस्था नहीं, सिर्फ अव्यवस्था का बोलबाला है
क्या एटा मेडिकल कॉलेज में अब किसी की जान जाना बाकी है जो प्रशासन जागेगा? क्या सिर्फ नौकरी से निकालना ही काफी है, या ऐसे मामलों में आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे