
“भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने नागरिक पत्रकारिता को गति देने का संकल्प लिया है, जिसके तहत वे अब ग्राम पंचायत स्तर पर अपने यूनियन को मजबूत करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ना है। फाउंडेशन ने इस मुहिम में देश के प्रत्येक नागरिक को प्राथमिक सदस्य बनाकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है”
[भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने अपने मीडिया अधिकारियों, पदाधिकारियों एवं सदस्यों को दिया प्राथमिक सदस्यता चलाने का निर्देश]
भारतीय मीडिया फाउंडेशन का प्राथमिक सदस्यता अभियान: भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग।
नई दिल्ली, 3 जून 2025 – भारतीय मीडिया फाउंडेशन (BMF) ने देश में नागरिक पत्रकारिता को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने अपनी पहुंच को ग्राम पंचायत स्तर तक मजबूत करने का संकल्प लिया है, जिसके लिए एक व्यापक प्राथमिक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य आम नागरिकों को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ – मीडिया – को सशक्त बनाने में सीधे तौर पर शामिल करना है।
ग्राम पंचायत स्तर पर संगठन की मजबूती
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने इस संबंध में बताया कि, “हमारा लक्ष्य अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि हम देश के प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर अपनी यूनियन को मजबूत करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि जब तक जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक नहीं किया जाएगा और उन्हें अपनी बात रखने का मंच नहीं मिलेगा, तब तक भ्रष्टाचार पर पूर्ण अंकुश लगाना मुश्किल है।” यह अभियान स्थानीय मुद्दों को उजागर करने और उन्हें राष्ट्रीय पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग
बिंदुसार ने जोर देकर कहा कि इस अभियान का प्राथमिक लक्ष्य भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ना है। उन्होंने कहा, “जब आम नागरिक खुद पत्रकार बन जाएगा और उसके पास अपनी आवाज उठाने का माध्यम होगा, तो भ्रष्ट तत्वों के लिए छिपना मुश्किल हो जाएगा। प्राथमिक सदस्यता से जुड़ने वाले लोग न केवल अपनी समस्याओं को उठा पाएंगे, बल्कि अपने क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार को भी उजागर कर पाएंगे।”
प्राथमिक सदस्यता से पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को होने वाले लाभ:
1- प्लेटफॉर्म और पहचान: प्राथमिक सदस्य बनने से पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भारतीय मीडिया फाउंडेशन जैसे एक सम्मानित संगठन से जुड़ने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें एक व्यापक मंच और पहचान प्रदान करेगा।
2- कानूनी सहायता और सुरक्षा: उत्पीड़न की स्थिति में फाउंडेशन अपने सदस्यों को आवश्यक कानूनी सहायता और सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा, जिससे वे निर्भीक होकर अपना काम कर सकें।
3- नेटवर्किंग और सहयोग: सदस्यों को देश भर के अन्य पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा, जिससे आपसी सहयोग और सूचना का आदान-प्रदान बढ़ेगा।
4-प्रशिक्षण और कार्यशालाएं: भारतीय मीडिया फाउंडेशन अपने सदस्यों के लिए पत्रकारिता कौशल और सामाजिक सक्रियता से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित कर सकता है, जिससे उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी।
5- सामूहिक आवाज: किसी भी अन्याय या भ्रष्टाचार के खिलाफ अकेले लड़ने के बजाय, सदस्य फाउंडेशन के बैनर तले एक सामूहिक और मजबूत आवाज बन सकते हैं।
प्रत्येक नागरिकों को प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करने से लाभ:
1- लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सशक्त बनाना: प्रत्येक नागरिक प्राथमिक सदस्य बनकर सीधे तौर पर मीडिया को सशक्त बनाने की मुहिम का हिस्सा बनेगा, जिससे लोकतंत्र और मजबूत होगा।
2-अपनी आवाज उठाना: नागरिक अपनी समस्याओं, शिकायतों और अपने क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार को मीडिया सेंटर या फाउंडेशन के माध्यम से उठा सकेंगे।
3-जागरूकता और सशक्तिकरण:
सदस्यता ग्रहण करने से नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूक होंगे और स्वयं को अधिक सशक्त महसूस करेंगे।
4- पारदर्शिता को बढ़ावा: नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से सरकारी कार्यालयों और स्थानीय निकायों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता आएगी।
5- न्याय की राह आसान: किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या अन्याय की स्थिति में, नागरिक को अपनी बात कहने और न्याय पाने में सहायता मिलेगी, क्योंकि उन्हें मीडिया फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त होगा।
एके बिंदुसार ने कहा कि यह केवल एक सदस्यता अभियान नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन है जिसका उद्देश्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां हर नागरिक सशक्त हो और भ्रष्टाचार का कोई स्थान न हो। अब देखना यह है कि यह महत्वाकांक्षी पहल देश के कोने-कोने तक पहुंचकर कितना प्रभाव डाल पाती है।