
नई दिल्ली : आज, 30 मई, हिंदी पत्रकारिता दिवस के शुभ अवसर पर, भारतीय मीडिया फाउंडेशन और इंटरनेशनल मीडिया आर्मी के संस्थापक एके बिंदुसार ने सभी पत्रकार बंधुओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने हिंदी पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं, जो पत्रकारिता जगत को एक नया संदेश देती हैं।
हिंदी पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास
एके बिंदुसार ने अपने संबोधन में कहा कि 30 मई 1826 को ‘उदन्त मार्तण्ड’ के प्रकाशन के साथ हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी गई थी। यह सिर्फ एक समाचार पत्र का प्रकाशन नहीं था, बल्कि भारतीय समाज में एक नए युग का सूत्रपात था। उस समय, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, हिंदी पत्रकारिता ने जनजागरण का बीड़ा उठाया। इसने स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लोगों को एकजुट किया और उनके भीतर राष्ट्र प्रेम की भावना को प्रज्ज्वलित किया। बिंदुसार ने जोर देकर कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने हमेशा जनसरोकारों को प्राथमिकता दी है और समाज के हर वर्ग की आवाज बनी है।
वर्तमान परिदृश्य में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका
बिंदुसार ने वर्तमान समय में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि आज भी इसकी प्रासंगिकता उतनी ही है, जितनी पहले थी। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते सूचना परिदृश्य में, जहां फेक न्यूज और दुष्प्रचार का खतरा बढ़ गया है, हिंदी पत्रकारिता की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने पत्रकारों से सत्य और निष्पक्षता के सिद्धांतों पर अडिग रहने का आह्वान किया। बिंदुसार ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी पत्रकारिता को सिर्फ खबरें पहुंचाने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को शिक्षित करने, जागरूक करने और सही दिशा दिखाने का माध्यम बनना चाहिए।
चुनौतियां और अवसर
एके बिंदुसार ने स्वीकार किया कि हिंदी पत्रकारिता के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें डिजिटल क्रांति, राजस्व मॉडल की अस्थिरता और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनौतियों में ही नए अवसर छिपे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म हिंदी पत्रकारिता को एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचने का मौका देते हैं। उन्होंने पत्रकारों से नवीन तकनीकों को अपनाने, मल्टीमीडिया कंटेंट पर ध्यान केंद्रित करने और नए व्यापार मॉडल तलाशने का आग्रह किया।
पत्रकारों के लिए संदेश: नैतिक मूल्यों का पालन
एके बिंदुसार ने विशेष रूप से युवा पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने उनसे नैतिक मूल्यों का पालन करने, पूर्वाग्रहों से बचने और हमेशा जनहित को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एक सच्चा पत्रकार वही है जो निडर होकर सच बोलता है और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बनता है। उन्होंने पत्रकारों से यह भी आह्वान किया कि वे अपनी लेखन शैली में सरलता और स्पष्टता लाएं ताकि उनकी बात आम जनता तक आसानी से पहुंच सके।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और देशवासियों से अपील
बिंदुसार ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और देशवासियों से अपील की कि वे अच्छी पत्रकारिता को पहचानें और उसे समर्थन दें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया किसी भी लोकतांत्रिक समाज की रीढ़ होती है और इसे मजबूत करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सिर्फ खबरों का उपभोग न करें, बल्कि उनकी जांच-पड़ताल करें और सत्य को पहचानने का प्रयास करें।
भविष्य का संकल्प
एके बिंदुसार ने अपने संबोधन का समापन इस संकल्प के साथ किया कि भारतीय मीडिया फाउंडेशन और इंटरनेशनल मीडिया आर्मी हिंदी पत्रकारिता के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे पत्रकारों को प्रशिक्षण देने, उन्हें समर्थन प्रदान करने और पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिंदी पत्रकारिता अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगी और हमेशा राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।