
एटा । जनपद एटा में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। अपराध पंजीकृत होने के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता पर अब सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि पुलिस उन अपराधियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिन पर गंभीर, गैरजमानती धाराएं दर्ज हैं। मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब इन अपराधियों का थाना परिसर में आना-जाना बना रहता है और वे पुलिस अधिकारियों के पास खुलेआम देखे जाते हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत ऐसे अपराध जिनमें सात साल से कम की सजा निर्धारित है, उनमें पुलिस सीधे गिरफ्तारी नहीं करती। केवल उन्हीं अपराधों में तुरंत गिरफ्तारी की जाती है जिनमें सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एसी/एसटी एक्ट, दहेज उत्पीड़न अधिनियम (Dowry Prohibition Act) और कई अन्य गैरजमानती धाराएं होने के बावजूद भी पुलिस कार्रवाई से परहेज क्यों कर रही है? स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे अपराधी न केवल खुलेआम घूम रहे हैं बल्कि पीड़ितों को धमकाकर दबदबा भी दिखा रहे हैं। जिन लोगों ने इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, वे अब खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पुलिस की यह निष्क्रियता समाज में भय और असंतोष का वातावरण पैदा कर रही है।जनता का यह भी मानना है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव काम कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी नेता का पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव नहीं चलेगा, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। स्थानीय प्रशासन भी इससे अछूता नहीं है।यदि यही स्थिति बनी रही, तो आमजन का पुलिस और कानून-व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा। समाज में यह संदेश जा रहा है कि कानून का डंडा केवल कमजोरों पर ही चलता है, जबकि रसूखदार अपराधियों को खुली छूट मिली हुई है।जनहित में यह जरूरी है कि शासन-प्रशासन इस मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करे, जिससे आमजन में सुरक्षा की भावना बनी रहे और अपराधियों को उनके अपराध का उचित दंड मिल सके।