
एटा प्राथमिक विद्यालय शीतलपुर
शिक्षिका आरज़ू पाण्डेय ने बताया कि,एक लम्बे समय के बाद बच्चों को ये 27 दिन की छुट्टियां मिलती हैं। जिनमें बच्चों को भरपूर मौज-मस्ती और मनपसंद खेल खेलने चाहिए। इस दौरान कुछ बच्चे नानी, बुआ और मौसी के घर भी घूमने जाएंगे। और इन सब के साथ पढ़ाई से भी जुड़े रहें उसके लिए हम शिक्षकों ने प्रत्येक कक्षा के बच्चों को ग्रीष्मकालीन अवकाश गृहकार्य भी दिया है।
एटा बारतहार प्राइमरी सीतलपुर की प्रधानाचार्य प्रियंका नागंर ने बताया कि बच्चे जब घूमने जाते हैं जरूरी है की मां-बाप उनका ध्यान रखें क्योंकि आज के इस दौर में बच्चों मोबाइल से दूर रखना बेहद जरूरी है क्योंकि हमें अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार के अलावा बहुत कुछ सीखना जरूरी हो जाता है जब बच्चों की छुट्टियां होती है तो बच्चे घूमने के लिए बाहर जाते हैं हम सभी टीचरों ने यह निर्णय लिया है कि इस छुट्टी के दौरान मां-बाप ही बच्चों के टीचर बनने का कार्य करेंगे क्योंकि जब छुट्टी खत्म हो जाती है तो काफी देखने को मिलता है कि बच्चे जब स्कूल में वापस आते हैं उनके चेहरे परेशानी होती है इसीलिए छुट्टियों में भी बच्चों का ध्यान रखने का यह सरल उपाय है।