
एटा = सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ दवाओं की उपलब्दता सुनिश्चित करने के लिए एक नया कदम उठाने जा रही है। इसके तहत साभन सहकारी समितियों पर जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य न केवल लोगों को किफायती दर पर दवाएं उपलब्ध कराना है, बरिक सहकारी समितियों को भी सशक्त बनाना है। जिला में 68 साधन सहकारी समितियां हैं। इन पर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के तहत सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है, जो कई चरणों में पूरा किया जाना है। अब ग्राम स्तर पर कार्यरत सहकारी समितियों को जन औषधि केंद्र संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ साथ सहकारिता क्षेत्र में रोजगार और आप के नए अवसर समितियों को देगा। सक्रिय और सुनारु रूप से कार्य कर रही साधन सहकारी समितियों की सूची तैयार की जा रही है। चयनित समितियों के कर्मच्छरियों की प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचे के विकास, भंडारण सुविधा, विजली और इंटरनेट जैसी सुविधाओं को भी पूरा किया जाएगा। समितियों पर जर औषधि केंद्रों के संचालन से ग्रामीण जनता को 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं मिलेंगी। साथ ही, इन केंद्रों से आमदनी होने से समितियों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इससे किसानों, ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी श्रजित होंगे।एआर कोआपरेटिव सतीश कुमार ने बताया कि गया पहार न केवार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, यतिक सहकारी आंदोलन को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगी। अब तक जन औषधि केंद्र शहरी क्षेत्रों तक सीमित थे, लेकिन इस वेोजना से पहली बार ग्राम स्तर पर पहुंचेंगे। येजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और लक्ष्य है कि अगले एक वर्ष में सभी समितियों को इस योजना से जोड़ा जाए।