कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

भारत की बहादुर बेटियां आज सिर्फ सीमाओं की रखवाली नहीं कर रहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश की आवाज बन रही हैं. ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब दुनिया भर के मीडिया को जानकारी देने का समय आया, तो भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया. उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी इस अहम प्रेस ब्रीफिंग में शामिल हुए. यह पल भारत की रक्षा सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक बन गया.

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में एक ऐसा नाम हैं, जो जज्बे, मेहनत और लीडरशिप की मिसाल बन चुकी हैं. वे उस समय चर्चा में आई थीं जब उन्हें एक्सरसाइज फोर्स 18 के तहत 18 देशों की मल्टीनेशनल आर्मी ड्रिल में भारत की तरफ से कमान संभालने का मौका मिला. उस समय वो अकेली महिला थीं जो किसी भी देश की आर्मी टुकड़ी की कमांड कर रही थीं. उन्होंने 40 सैनिकों की भारतीय टीम का नेतृत्व किया.

गुजरात की रहने वाली सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, जिससे उनकी पढ़ाई और सेना के प्रशिक्षण का बेहतरीन तालमेल दिखता है. वो सिग्नल कोर से हैं, जो सेना के कम्युनिकेशन और सूचना प्रणाली की जिम्मेदारी संभालती है.

साल 2006 में वह यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में तैनात रहीं और 6 वर्षों से ज्यादा समय से शांति मिशनों में अहम भूमिका निभा रही हैं. उन्हें पीसकीपिंग ट्रेनिंग ग्रुप से चुना गया था, जो अंतरराष्ट्रीय मिशनों के लिए सबसे बेहतर ट्रेनिंग देते हैं. उनका रिश्ता सेना से पुराना है. उनके दादा सेना में थे और उनके पति मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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