
नई दिल्ली: 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. राणा को प्रत्यर्पण कर जल्द ही भारत लाया जा रहा है.
आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की ज्वॉइंट टीम ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. इस संयुक्त टीम के साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी गए हैं. इस तरह से 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को कुछेक घंटों में भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा.
इसको लेकर मुंबई पुलिस ने बुधवार को कहा कि 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को हिरासत में लेने का कोई भी निर्णय उसके भारत लाए जाने के बाद ही लिया जा सकेगा.
रिपोर्टों के मुताबिक, राणा को साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों से संबंधित वर्ष 2009 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज एक साजिश के मामले में यूएसए से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है. मुंबई क्राइम ब्रांच के अनुसार, राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला नवंबर 2008 के घातक हमलों के बाद दिल्ली में एनआईए ने दर्ज कराया था. इस हमले में 174 लोग मारे गए थे और 300 लोग घायल हो गए थे.
एस जयशंकर ने किया स्वागत
इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. सीएनएन न्यूज 18 राइजिंग भारत समिट 2025 में बात करते हुए उन्होंने कहा, “तहव्वुर राणा मुद्दे पर मैं कुछ भी नया नहीं कह सकता. जाहिर है, हम अमेरिकी कानूनी प्रक्रिया के फैसले का स्वागत करते हैं.”
आतंकी तहव्वुर राणा को अगले 24 या 48 घंटों में भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसके आगमन पर उसे हिरासत में ले लेगी.
ईटीवी भारत को इसकी जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की एक टीम ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपियों के प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. इस टीम के साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी गए हैं.
चार्टर्ड प्राइवेट जेट से भारत प्रत्यर्पित होगा राणा
अधिकारी ने बताया कि, “सुरक्षा चिंताओं के कारण आतंकी तहव्वुर राणा को एक चार्टर्ड प्राइवेट जेट से भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा.” भारत में उतरने के बाद, राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है. अधिकारी ने कहा, “मुंबई की एक जेल में भी उसकी सुरक्षा के लिए इंतजाम किए गए हैं, जहां राणा को मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है.”
सोमवार को आतंकी राणा के भारत प्रत्यर्पण स्थगन आवेदन रिजेक्ट होते ही भारत सरकार ने आरोपी को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया में तेज़ी ला दी है. गौर करने वाली बात ये हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा के बाद राणा के भारत प्रत्यर्पण में तूफानी तेजी आई है.
मोदी-ट्रंप के साझा बयान में हुई थी राणा के प्रत्यपर्पण की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की बैठक के बाद वाशिंगटन डीसी में एक संयुक्त बयान में राणा के प्रत्यर्पण का ऐलान किया था. संयुक्त बयान में कहा गया, “हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कठघरे में लाने की साझा इच्छा को देखते हुए, अमेरिका ने घोषणा की है कि तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी गई है.”
पीएम मोदी और यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के इस ज्वॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया कि, “नेताओं ने पाकिस्तान से 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के अपराधियों को शीघ्र न्याय के कठघरे में लाने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उसकी भूमि का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए न किया जाए.”
संयुक्त बयान के मुताबिक, नेताओं ने सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी डिलीवरी प्रणालियों के प्रसार को रोकने और आतंकवादियों और गैर-राज्य अभिनेताओं की ऐसे हथियारों तक पहुँच को रोकने के लिए मिलकर काम करने की भी कसम खाई.
इससे पहले, इसी साल 21 जनवरी को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 63 वर्षीय तहव्वुर राणा की उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था.
26 विदेशियों समेत 174 लोग मारे गए थे मुंबई हमले में
गौर करें तो पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा पर साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में बड़ी भूमिका निभाने का आरोप है, इस हमले में 20 सुरक्षाकर्मियों और 26 विदेशियों सहित 174 लोग मारे गए थे. इतना ही नहीं 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल में हुए इस आतंकी हमलों में 300 से अधिक लोग घायल भी हुए थे.
इतना ही नहीं तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का भी करीबी साथी था. आरोप है कि इसने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादियों के संभावित लक्ष्यों की टोह ली थी.