
(एटा) भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद एटा सदर से हटाकर जलेसर में न्यायिक रहीं एसडीएम भावना विमल के न्यायालय का तहसील बार एसोसिएशन द्वारा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार हुआ था। कारण भले जो भी हों लेकिन चर्चित उपजिलाधिकारी की वास्तविकता पर निष्पक्षता से नजर डालें तो आजकल जमकर अपनी किरकिरी करा रही हैं। बुधवार से एक सप्ताह के लिए एसडीएम भावना विमल की कार्यप्रणाली को लेकर तहसील बार एसोसिएशन द्वारा पूर्व में गत 13 नवम्बर 2024 से 09 जनवरी 2025 तक उपजिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय का भी कार्य बहिष्कार किया गया था। उक्त अवधि में पीसीएस भावना विमल ही उपजिलाधिकारी न्यायिक जलेसर पद पर आसीन थी। जिनकी कार्य प्रणाली के विरोध में अधिवक्ताओं को यह निर्णय लेना पड़ा था। गत 08 जनवरी 2025 को जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह द्वारा भावना विमल को उपजिलाधिकारी न्यायिक से प्रशासन पद पर ट्रांसफर कर दिये जाने के बाद अधिवक्ताओं द्वारा कार्य बहिष्कार समाप्त कर कार्य प्रणाली सुधारने का मौका दिया गया था। मगर एसडीएम भावना विमल की कार्य प्रणाली में कोई बदलाब नहीं आया है। परिणामस्वरूप अधिवक्ताओं द्वारा अब एसडीएम प्रशासन कोर्ट का बहिष्कार कर दिया गया है।