
अत्यधिक गर्मी की संभावना को दृष्टिगत पेयजल के समुचित प्रबंध किए जाने एवं समस्याओं के निस्तारण हेतु कंट्रोल रूम को स्थापित करने के डीएम ने दिए निर्देश
एटा ! शासन की मंशानुरूप एवं जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी डा0 नागेन्द्र नारायण मिश्र ने बताया है कि भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दिनांक 28 फरवरी, 2025 को माह मार्च से मई 2025 के मध्य की अवधि हेतु निर्गत मौसम पूर्वानुमान दस्तावेज के माध्यम से इस वर्ष सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश भागों मे इस अवधि में तापमान सामान्य से अधिक रहने की सम्भावना व्यंक्त की गई है। माह मार्च के अंत में मध्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों से प्रारम्भ होकर मार्च से मई 2025 के मध्य की अवधि में प्रदेश के अधिकांश जनपद हीट वेव मैप में अत्याधिक प्रभावित जनपदों में प्रदर्शित हो रहे है। आप अवगत ही हैं कि माह मार्च से गरमी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में पेयजल की समुचित व्यवस्था होना आवश्यक है। आप अपने अधीनस्थ क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करा लें कि पीने हेतु पानी के लिए जो हैण्डपम्प स्थापित है, वह कियाशील होने चाहिए, यदि कहीं भी अक्रियाशील पाये जाए तो उन्हें तत्काल कियाशील स्थिति में लाया जाए। यह भी अनुमान है कि आगामी माहों में गर्मी का प्रकोप और अधिक होने की सम्भावना है। ग्राम पंचायतों में स्थापित हैण्डपम्पों का रजिस्टर तैयार कर लिया जाए तथा हैण्डपम्प पर नम्बर अंकित करा दिया जाए। इस प्रकार उस रजिस्टर में हैण्डपम्पों का अंकन किया जाए तथा जो भी हैण्डपम्प खराब हो उसे तत्काल ठीक कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करे। ब्लाक मुख्यालय पर एक कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाए। इस कन्ट्रोल रूम में पंजिका संधारित कराई जाए जिसमें पेयजल से आने वाली शिकायतों का अंकन किया जाए तथा प्राथमिकता के आधार तत्काल उनका निराकरण कराया जाना अति आवश्यक है। ब्लाक स्तर पर टीम का गठन कर लिया, जो भी शिकायतें प्राप्त हो, तत्काल उनका निस्तारण कराया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही न हो।
उन्होंने कहा है कि कन्ट्रोल रूप में का नम्बर सभी प्राथमिक स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों, तहसील मुख्यालय आदि सहज दृश्य स्थालों पर अंकित करा दिया जाए, जिससे आम जनता संज्ञानित हो सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पीने के पानी की कोई समस्या न हो छाया वाले स्थानों पर हैण्डपम्प हो, ऐसी व्यवस्था की जाए पशु-पक्षियों आदि के लिए भी पीने का पानी सुलभ हो सके। इसके लिए हैण्डपम्पों के समीप घड़े/टब आदि रखे जाए। गांव में जो भी तालाब है, उनमें पानी भरवाने के लिए नलकूप व सिंचाई विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को पूर्ण कराया जाए। नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण / भ्रमण होता रहे और ऐसी व्यवस्था हो कि गोवंशों के लिए छाया, पानी, चारा, चिकित्सा आदि का समुचित प्रबन्ध होना चाहिए, ऐसा न हो कि उच्चाधिकारियों के निरीक्षण आदि के समय कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो। 15 अप्रैल से 15 जुलाई, 2025 तक से प्रदेश में लू-प्रकोप (Heat Wave) की सम्भावना अधिक है, तो ऐसी स्थिति में इसे बचाव हेतु एक रूपरेखा तैयार कर ली जाए तथा उसी के अनुसार बचाव व राहत कार्य के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करें। लू-प्रकोप (Heat Wave) से बचाव हेतु आम जनता को जागरूक किये जाने हेतु तहसील स्तर पर गोष्ठी आदि आयोजन कराया जाए जिसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इस हेतु उपायुक्त, स्वतःरोजगार, एटा सम्पर्क / समन्वय स्थापित करते जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न करायें। इसके साथ गांवों में प्रभात फेरी निकालें जनता को जागरूक कराया जाए। इस कार्य में आंगनवाडी कार्यकत्रियों की भी सहयोग लिया जा सकता है। गर्मी के भीषण प्रकोप के दौरान आग लगने की भी घटनाओं में वृद्धि होती है। विशेष रूप से जब खेतो में गेहूँ की फसल काट कर रखी होती है, तब आग की अधिक घटनायें होती है। विशेष सतर्कता/ सावधानी बरते हुए इससे बचा जा सकता है।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उपायुक्त स्वतः रोजगार, उपायुक्त श्रम रोजगार, अधिशासी अभियंता सिंचाई, जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी जनपद एटा, जिला अग्निशमन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं समस्त खंड विकास अधिकारी से अपेक्षा की है कि शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करायें। इस कार्य में किसी भी प्रकार शिथिलता न हो।