
तिरुवनंतपुरम (केरल)। मानहानि के एक मामले में केरल के भाजपा नेता बी. गोपालकृष्णन ने माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पी.के. श्रीमती टीचर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए हाईकोर्ट में पेश होने के बाद माफी मांगी है।
उल्लेखनीय है कि एक टीवी चर्चा के दौरान भाजपाई नेता गोपालकृष्णन ने श्रीमती टीचर पर आरोप लगाया था कि जब वे स्वास्थ्य विभाग में मंत्री थीं, तब उन्होंने अपने बेटे की कंपनी से दवाइयां खरीदी थीं। उस समय भी इस आरोप का सार्वजनिक रूप से खंडन करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनके बेटे का किसी भी दवा कंपनी या दवा व्यवसाय से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद श्रीमती टीचर ने गोपालकृष्णन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। अदालत में यह मामला पिछले छह सालों से चल रहा था।
भाजपा नेता गोपालकृष्णन ने हाईकोर्ट में पेश होकर अपने आरोपों के लिए माफी मांगी है। गोपालकृष्णन केरल भाजपा के प्रवक्ता भी हैं। बाद में उन्होंने मीडिया के सामने भी खेद व्यक्त करते हुए कहा है कि वे श्रीमती टीचर के खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूत नहीं दे सके। गोपालकृष्णन ने स्वीकार किया कि यह एक निराधार आरोप था और उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत या दस्तावेज नहीं थे।
माकपा नेता पी के श्रीमती टीचर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की अध्यक्षा भी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा सार्वजनिक जीवन में सक्रिय महिलाओं, खासकर वामपंथी आंदोलनों से जुड़ी महिलाओं पर लगातार झूठी कहानियों और निराधार आरोपों के ज़रिए दुर्भावनापूर्ण हमले किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ये हमले राजनीति और सामाजिक सक्रियता में महिलाओं के योगदान को बदनाम करने और कमज़ोर करने के एक बड़े लक्षित प्रयास का हिस्सा हैं। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप भी इसी साजिश का हिस्सा थे। श्रीमती टीचर ने कहा कि दुर्व्यवहार के इस पैटर्न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।