
इंटरमीडिएट योग्यता रखने वाले मलेरिया निरीक्षक को
किसने दी है ये पॉवर
वाहन कर्मचारी संघ के कार्यालय में कब्जा कर बना लिया जिला मलेरिया कार्यालय
एटा। जिले के मलेरिया विभाग में कार्यरत वर्तमान में वरिष्ठ मलेरिया अधिकारी लोकमन विभागीय आकाओं की सरपरस्ती में इतना पॉवर फुल बन गया है कि जिले के चिकित्सकों के ऊपर हुक्म चलाता है। मलेरिया विभाग का कथित सर्वेसर्वा बन कर अपने को जिला मलेरिया अधिकारी प्रचारित कर रहा है। इस बात तस्दीक में अनेक प्रचार के होर्डिंग्स बैनर देखे जा सकते है जिन पर मलेरिया अधिकारी के रूप में इसका नाम अंकित है अपने रुतबे की हनक इस मलेरिया निरीक्षक ने वाहन कर्मचारी संघ के कार्यालय पर कब्जा करके दिखाई जबकि मलेरिया विभाग के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के थर्ड फ्लोर पर कार्यालय आवंटित किया गया था। परन्तु इसने ग्राउंड पर बने वाहन कर्मचारी संघ के कार्यालय पर कब्जा जमा लिया उक्त कार्यालय में आज भी जिला मलेरिया अधिकारी की मुख्य चेयर के पीछे वाहन कर्मचारी संघ का बोर्ड लगा हुआ है। चिकित्सा स्वास्थ परिवार कल्याण के मानव संपदा पोर्टल पर जब उक्त मलेरिया निरीक्षक का पी टू देखा गया तो सबकी आँखें खुली रह गई इंटर मीडिएट पास उक्त कथित मलेरिया अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से 5 जून 2004 मथुरा में नियुक्त हुआ जहां से स्थानांतरण करा कर 28 जून 2005 को मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन जिला मलेरिया कार्यालय में मलेरिया निरीक्षक के रूप में आया। मजे की बात तो यह 20 साल से अधिक समय होने बाद भी उक्त निरीक्षक एटा जिले में बना हुआ है शासन की मंडल और जोन बदले जाने के शासनादेश इसके आगे सब धरे रह गए। विभागीय जानकार सूत्रों का दावा है कि उक्त निरीक्षक ने अपने पद के अनुरूप इन वर्षों में काम नहीं किया अपितु क्लेरिकल जॉब और अफसरी करता रहा। वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सरपरस्ती के चलते अनेक विभागीय योजनाओं का प्रभारी बना दिया गया है। यहां इसके डिजीटल ब्यौरा में एक तथ्य और उद्घाटित हुआ है कि 25 अप्रैल 2022 में उक्त निरीक्षक का वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक के पद पर प्रोन्नति हुई है। यहां यह सवाल उठता है जब तीन साल पहले यह प्रमोशन मिला तो सहायक मलेरिया अधिकारी के प्रोन्नति को क्रॉस करते हुए इतने कम समय में जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में अधिकारी कैसे काम लेते रहे। आखिर किसने सुपर प्रमोशन देकर इंटर पास निरीक्षक को अफसर बना दिया ? ऐसे अनेक सवाल विभागीय हलकों सहित मीडिया जगत में उठ रहे हैं। इस समाचार की सत्यता को पुष्ट करने के लिए उक्त कर्मचारी का पी टू फॉर्मेट शेयर किया जा रहा है।मलेरिया विभाग में पिछले कई दशकों से चल रही धांधलियां खुल कर सामने आने लगी है अनेक दस्तावेज मिले है जिनमें यह निरीक्षक कही लेखा लिपिक है कही बड़ी योजनाओं का प्रभारी,तो कही अपने जिला स्तरीय विभाग का सुपर अधिकारी हैरत है इस दौरान अनेकों मुख्य चिकित्सा अधिकारी आए और चले गए परन्तु पद कैडर उक्त निरीक्षक का नहीं देखा..आखिर यह कैसा हेल्थ विभाग का प्रशासनिक संचालन है बेहद अचंभे में डालने वाले तथ्य है जिन पर एक्शन होना चाहिए ।