महाकुंभ में गूंजी मराठा शेर शिवाजी की हुंकार

महाकुंभ में गूंजी मराठा शेर शिवाजी की हुंकार, महाराष्ट्र से पधारे बैंड के ढोल, नगाड़ों के बीच सैकड़ों युवाओं ने लिया ‘छत्रपति संकल्प’

प्रयागराज। महाकुम्भ के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सेक्टर 9 में वीर मराठा, छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को स्टेज पर जीवंत कर दिया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा ‘शेर शिवराय’- राजाओं में सिंह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उदेश्य था- रॉक बैंड, डांस बैलेट और प्रेरक वार्ता के माध्यम से मॉडर्न युवाओं को शिवाजी महाराज के जीवन और चरित्र दर्शन से शिक्षा देना। इस सैम प्रोग्राम में प्रधानमंत्री के आर्थिक परिषद में सलाहकार, श्री संजीव सन्याल जी, प्रसिद्ध पत्रकार व लेखक एवं समाज सेवी, श्री उदय महुरकर जी और साइको शायर- अभी मुड़े बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
“मराठा वाघ असा शिवाजी, धधकती आग जसा शिवाजी, परम सौभाग्य असा जाणता राजा, स्वच्छंद उडणारा शिवाजी, बिंदास भिडणारा शिवाजी, बेभान हा वारा जाणतां राजा”_- संस्थान के रॉक-बैंड द्वारा रैप और रॉक बीट्स के फ्यूज़न में इन पंक्तियों को धुन दी गई। जिसने शिवाजी महाराज के उच्च चरित्र को युवाओं की ही मॉडर्न शैली में उनके समक्ष प्रस्तुत किया।
छत्रपति शिवाजी के पूर्ण जीवन को एक डांस बैलेट द्वारा भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें बचपन से लेकर यौवन और फिर उनके मराठा सम्राट बनने के सफर में आई अनेक मुश्किल परिस्थितियों का और उससे उनके बाहर निकलने के सूत्रों का मंचन भी किया गया। खासतौर पर नारियों की गरिमा को माँ भवानी के समान पूजनीय मानने वाले शिवाजी महाराज का चरित्र-चित्रण अत्यंत मार्मिक ढंग से दिखाया गया। विशेष तौर पर इसी बैलेट में परफॉर्म करने महाराष्ट्र से पधारे थे- ‘ब्रह्मनाद मराठा बैंड’ जिनके ढोल और शेर-शिवाजी के जयकारों ने सभी को देश भक्ति की ऊर्जा से ओत-प्रोत कर दिया।
दिव्य गुरु आशुतोष महाराज की शिष्या और इस कार्यक्रम की इंचार्ज, साध्वी डॉ. शिवानी भारती जी ने कहा, ‘शेर शिवराय मात्र एक आयोजन भर नहीं है परंतु यह तो हर युवा के भीतर छिपे भावी नेता को जगाने का एक क्रांतिकारी आह्वान हैं। जैसा मार्गदर्शन युवा शिवा को समर्थ गुरु रामदास द्वारा प्राप्त हुआ जिसने आगे चलकर उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में विश्व पटल पर स्थापित किया। ठीक वैसा ही मार्गदर्शन आज संस्थान हज़ारों युवाओं को प्रदान कर रहा है ताकि वह भी अपना भीतर छिपे शिवाजी को जगाकर देशहित की सेवा में अग्रसर हो सकें।’
अभि मुंडे उर्फ साइको शायर ने कविता और कहानी का मिश्रण प्रस्तुत करते हुए वीर शिवाजी के दृढ़ संकल्प और आज के जीवन-संघर्षों में उनकी प्रासंगिकता को उजागर किया गया। उन्होंने कहा, ‘शिवाजी महाराज का जीवन आज के युवाओं के लिए एक युद्धघोष है ताकि वे भी अपनी मानसिक बेड़ियाँ तोड़कर देश के लिए योद्धा रूप में कुछ कर सकें। और आज रात सैम ने हर युवा दिल में ऐसी ही कुछ कर गुज़रने की आग को धधका दिया है।’
कार्यक्रम का समापन भव्य शपथ समारोह से हुआ। जिसमें संस्थान के वॉलन्टीयर्स के नेतृत्व में ‘छत्रपति शिवाजी संकल्प’ धारण किया गया। ढोल की थाप, तिरंगों और वंदे मातरम के जयकारों के बीच की उपस्थित सैकड़ों युवाओं ने माँ भारती की प्रगति, सांस्कृतिक संरक्षण और व्यक्तिगत विकास के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ धारण की।
राम आसरे

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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