खेल तमाशा माफियाओं के खेल में शामिल होता नजर आ रहा जिला प्रशासन का एटा महोत्सव, रिपोर्ट निशा कांत शर्मा बर्ष 2025 का ठेका 1,66,50,000रूपये साउंड व लाइट एवं जर्मन हेंगर का ठेका भी 37 लाख व सभी की GST मिला कर लगभग 2 करोड़ 23 लाख पहुंची टेंडर प्रक्रिया
दो करोड़ तेईस लाख के एटा महोत्सव के आयोजक मुर्दा घाट के कफन की सफेद सोल मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को देते भेंट!!
खेल तमाशा माफियाओं के खेल में शामिल होता नजर आ रहा जिला प्रशासन का एटा महोत्सव
दो करोड़ तेईस लाख के एटा महोत्सव के आयोजन में सफेद सोल बाजार में सन्नाटा होने के चलते इतने बड़े पैमाने पर स्टोक की भूमिका में जी हां मुर्दा घाट बरेली -बदायूं -कछला -भूतेश्वर आदि से पेल दी गई आयोजक मुर्दा घाट के कफन की सफेद सोल बाजार से पैंतीस रुपए से लेकर पचास-साठ रुपए में ला कर मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को उपहार स्वरूप में परिवर्तन कर उठा रहे है, जिनका परिणामस्वरूप सफेद सोल है,
एटा महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस बार बेहद भारी भरकम बजट के साथ एटा महोत्सव का ठेका बोली के माध्यम से दिया गया है.
इस बर्ष 2025 का ठेका 1,66,50,000रूपये में दिया गया है. जबकि साउंड व लाइट एवं जर्मन हेंगर का ठेका भी 37 लाख व सभी की GST मिला कर लगभग 2 करोड़ 23 लाख तक का हुआ है.आईएएस के रुची न लेने से करोड़ों रुपए के मेले की फजीहत के साथ दुकानों के दुकानदारों के माध्यम से दो बरक्कत की रोटी जमा करने वाले व्यक्तियों की जेब में डाका डालने जैसा होगा, जबकि चालीस लाख के महोत्सव में शानदार प्रदर्शन हुआ करता था, पांच रुपए में गरीब एवं अमीर अपने बच्चों को खेलने वाले खिलोने दिला देते थे,एटा जिला बासिन्दो के लोगों को कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी में लुप्त उठाने को मिल जाता था, आयोजकों को रुपए के चैक एवं सील्ड तथा बचें हुए रकम से दाबत दी जाती थी, अब करोड़ों रुपए खर्च के बाद जिला वासियों की जेब काटी जा रही है, गरीब बच्चों को खेलने के सामान दिलाने में असमर्थ हो रहे है इधर पूरे दिन की झाड़ी मेले में चली जा रही है, खेल तमाशा माफियाओं के खेल में शामिल होता नजर आ रहा जिला प्रशासन का एटा महोत्सव जिसका जीता जागता उदाहरण विना ओडिट के संस्था का लेखा जोखा दबा पड़ा है, आयोजक संस्था से मलाई चाटने के चक्कर में खुच्चन खा कर रो चिल्ला कर बंदर बांट में रुची दिखते दिख रहे है, फिलहाल दूध का दूध पानी का पानी सफेद सोल जो आयोजक करें तो समझदार के लिए सफेदी काफी है
*अब मुद्दे की बात करते है 👇
इस बार ठेकेदार द्वारा अधिकारियो की जितनी इज्जत को तार तार इस बार के ठेकेदार द्वारा किया गया है कभी भी नहीं किया गया होगा!.वर्ष 2018 से एटा महोत्सव का आयोजन तत्कालीन जिलाधिकारी अमित किशोर द्वारा कराया गया था व एटा महोत्सव का ठेका नरेंद्र उपाध्याय द्वारा लिया गया था. उस समय ठेका शुरू होने से पूर्व ही सैनिक पड़ाव में जिला प्रशासन के लिए विजिट केम्प का निर्माण करा दिया जाता था, जिससे जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी एवं SDM स्तर के अधिकारी समय-समय पर एटा महोत्सव का निरिक्षण करके निर्देश जारी करते रहते थे व सुधार कराते रहते थे. इस बार का आलम यह है कि स्थानीय प्रशासन के लिए एक केम्प का निर्माण नहीं किया गया है। खडे रहने को मजबूर हो रहें है अधिकारी!!
*इस बार की घटना बेहद चिंता जनक!
इस बर्ष 2025 की नुमाइश का ठेका इतनी बड़ी धनराशि के बाद भी अधिकारी दो पैरों पर खडे रहते है ओर उन्ही दो पैरों पर खडे होकर एक आध घंटे खड़े रहने के बाद दाए-बाये कुर्सीयो का इंतजार करके चले आते है.
ठण्ड के माहौल को देखते हुए ठेकेदार द्वारा पुरे महोत्सव में एक भी स्थान पर अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है, काम करने वाले कर्मियों के लिए किसी भी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है।
जिला प्रशासन के अधिकारी ADM सत्य प्रकाश सहित SDM अतिरिक्त राजकुमार मौर्य दो पैरों पर खडे रहने के बाद लाचार स्थिति में इधर उधर देखने के बाद चले आते है. जबकि केम्प कार्यालय में एक भी कुर्सी व सोफा न होना भी जिला प्रशासन की हनक कम होना बताता है।
*जिला प्रशासन केम्प हालात. रेन बसेरा से.. 👇
एटा महोत्सव के निर्माण काल में हालात इस कदर खराब है कि महोत्सव में जिला प्रशासन का केम्प भी बदतर हालात में है.प्रशासनिक केम्प कार्यालय में किसी भी तरह की व्यवस्था बालू समान है।
*अब इस के कारण बता देते है
एटा महोत्सव के ठेकेदार का पहला ठेका भी है. वही दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि ठेकेदार के प्रपत्र भी अधूरे है. जिनकी जाँच भी अभी अधर में ही है. यह भी पता चला है कि पुरे ठेके को बड़े स्तर पर मैनेज किया गया है।
*!!तो लाचार ओर बेइज्जत कौन होगा!!.. यह भी कोई बतायेगा या यह भी मिडिया को लिखना होगा!!
*हाँ यह भी बिंदु लिखित है!! इस सम्बन्ध में किसी भी तरह का वाद विवाद प्रशासन स्तर पर ही होगा. कोर्ट में वाद जाने का किसी को अधिकार नहीं है!!
*इस कदर अधिकारियो की बेक़दरी…. एटा महोत्सव में अब कभी नहीं मिलेगी!!
*इस बार आपको जर्मन हेंगर पंडाल में कुछ अच्छा देखने को मिलेगा, इसका श्रेय अतिरिक्त SDM राजकुमार मौर्य को दिया जा सकता है